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Wednesday 18 September 2013

भूत, प्रेत और मसान बाधा के लिए एक अनुभूत प्रयोग

भूत, प्रेत और मसान बाधा के लिए एक अनुभूत प्रयोग 

मित्रो अक्सर बहुत सारे ग्रुप्स में लोगो को भूत प्रेत या मसान बाधा से सम्बंधित प्रश्न पूछते देखता हूँ । आज उसके लिए ही एक ऐसा अनुभूत प्रयोग प्रस्तुत कर रहा हूँ जो यदि अपने ठीक से किया तो कुछ ही दिनों में पीड़ित व्यक्ति इन बाधाओं से मुक्त हो जायेगा नहीं तो जब तक आपको कोई सही व्यक्ति उपचार करने के लिए नहीं मिल जाता यानि कोई असली साधक या तांत्रिक तब तक ये फर्स्ट ऐड का काम अवश्य करेगा इसकी १००% गारंटी है ।

अपने इष्ट कार्य की सिद्धि के लिए मंगल अथवा शनिवार का दिन चुन लें और यदि पीड़ित ज्यादा कष्ट में हो तो किसी भी दिन कर सकते हैं । इसके लिए हनुमानजी का एक चित्र या मूर्ति जप करते समय सामने रख लें। ऊनी अथवा कुशासन बैठने के लिए प्रयोग करें। । घर में यदि यह सुलभ न हो तो कहीं एकान्त स्थान अथवा एकान्त में स्थित हनुमानजी के मन्दिर में प्रयोग करें।
हनुमान जी के अनुष्ठान मे अथवा पूजा आदि में दीपदान का विशेष महत्त्व है। पाँच अनाजों (गेहूँ, चावल, मूँग, उड़द और काले तिल) को अनुष्ठान से पूर्व एक-एक मुट्ठी लेकर गंगाजल में भिगो दें। अनुष्ठान वाले दिन इन अनाजों को पीसकर उनका दीया बनाएँ। बत्ती के लिए अपनी लम्बाई के बराबर कलावा लें अथवा एक कच्चे सूत को लम्बाई के बराबर काटकर लाल रंग में रंग लें। इस धागे को पाँच बार मोड़ लें। इस बत्ती को तिल के तेल थोडा सा चमेली का तेल मिलकर दिए में डालकर प्रयोग करें। समस्त पूजा काल में यह दिया जलता रहना चाहिए। हनुमानजी के लिये गूगुल की धूप भी जलाएं ।

जप के प्रारम्भ में यह संकल्प अवश्य लें कि आपका कार्य जब भी सिद्ध होगा, हनुमानजी के निमित्त नियमित कुछ भी करते रहेंगे या प्रसाद चढ़ाएंगे सुन्दरकाण्ड का पाठ कराएँगे आदि । फिर हनुमान जी की पंचोपचार पूजा करें फिर जो आटे का दिया अपने बनाया था वो जलाएं , गुग्गुल की धूप दें गुलाब के पुष्प हनुमानजी को अर्पित करें 
  अब अपनी सुरक्षा  के लिए  एकादश मुख हनुमान कवच का पाठ  करें  और फिर शुद्ध उच्चारण से यानि जोर जोर से बोलते हुए हनुमान जी की छवि पर ध्यान केन्द्रित करके बजरंग बाण का जाप प्रारम्भ करें। “श्रीराम–” से लेकर “–सिद्ध करैं हनुमान” तक एक बैठक में ही इसकी एक माला जप करनी है अर्थात १०८ जप करने हैं । कुछ भी हो जाये पाठ बीच में छोड़कर उठाना नहीं है साथ में एक लोटे में जल रख लें । जप पूर्ण होने के पश्चात् इस जल के छींटे पीड़ित व्यक्ति पर डालें, उसे पिलायें, पूरे घर में डालें और घर के सब सदस्य इसे पियें इसमें समय अवश्य लगेगा पर इसका असर अतुलनीय है । बजरंगबली की कृपा हुई तो पीड़ित व्यक्ति या आपका घर उस पीड़ा से मुक्त हो जायेगा यदि कहीं कुछ कमी रह गयी हो फिर भी ये इतना असर करेगा की आपकी समस्या में फर्स्ट ऐड का कम करेगा इसके बाद जब तक कोई उचित ज्ञानी व्यक्ति न मिल जाये प्रतिदिन बजरंग बन का तीन बार नियमित पाठ करते रहें । 

गूगुल की सुगन्धि देकर जिस घर में बगरंग बाण का नियमित पाठ होता है, वहाँ दुर्भाग्य, दारिद्रय, भूत-प्रेत का प्रकोप और असाध्य शारीरिक कष्ट आ ही नहीं पाते। समयाभाव में जो व्यक्ति नित्य पाठ करने में असमर्थ हो, उन्हें कम से कम प्रत्येक मंगलवार को यह जप अवश्य करना चाहिए।

यदि किसी असाध्य रोग से ग्रसित हों या कोई भी पीड़ा या कष्ट जिसका समाधान न मिल रहा हो उसके लिए ये प्रयोग अवश्य करें ।

इस प्रयोग से सम्बंधित किसी जानकारी या अन्य किसी भी प्रकार की जानकारी अथवा समस्या निराकरण के लिए सम्पर्क कर सकते हैँ ।
8909521616(whats app)

7579400465
।। जय श्री राम।।


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