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Thursday 15 May 2014

शत्रु को पीड़ित करने का उपाय

शत्रु को पीड़ित करने का उपाय

मित्रों,
कई बार लोग अपने शत्रुओं या विरोधियों से अत्यधिक परेशां रहते हैं। कोई आपकी तरक्की से जलता है , कोई घर की समृद्धि और खुशहाली से। कुछ आपकी कमाई से परेशान रहते हैं तो कुछ बीवी बच्चे या आपके कपड़ों तक से।

फिर आपकी इस ख़ुशी तरक्की खुशहाली को वो नज़र लगाते हैं, उससे भी दिल नहीं भरता तो भौतिक रूप से किसी न किसी प्रकार परेशां करते है,ं चाहे छोटी छोटी बातों को पकड़ के इधर उधर बुराई करके या ऐसी हरकतें करके जिससे आप चिढ जाएँ या मानसिक रूप से परेशां हों और गुस्से में कुछ ऐसा कर दें जिससे उन्हें आगे मौका मिले और तब भी सुकून न मिले तो तांत्रिक कर्मों का सहारा लेकर दुखी करने में भी ऐसे निम्न मानसिकता के लोग पीछे नहीं रहते।

सबसे सरल तो ये है की इनसे दूर रहें नज़रंदाज़ करे। भगवान में विश्वास रखते हुए अपने काम में लगे रहें।

यूँ तो ऐसे चिढने जलने वाले लोग हर जगह मिलते हैं पर कुछ लोग पीछे ही पद जाते हैं और जीना दूभर कर देते
ऐसे लोगों के लिए फिर एक ही इलाज है की उन्हें उन्ही के अंदाज़ में जवाब दें।

निम्न प्रयोग करके आप अपने शत्रु को ही पीड़ित कर देंगे जिससे वो अपनी ही समस्याओं में उलझा रहेगा और आपको कम परेशान करेगा।

किसी मंगल या शनिवार के दिन एक मिटटी की छोटी सी हांड़ी ले ले। अपने शत्रु का नाम एक कागज पर चिता भस्म या काजल से शत्रु का नाम लिखें और उस कागज़ को अछि तरह मकड़ी के जाले में लपेट लें। फिर किसी सुनसान स्थान पर एक पीपल या कीकर का पेड़ चिन्हित करें और रात ग्यारह बजे के बाद उसकी जड़ के पास एक फुट गहरा एक गड्ढा करें। वहीँ बैठ कर उस हांड़ी में वो कागज रखें उसके ऊपर एक मुट्ठी उड़द और चावल सामान मात्रा में मिला कर डाल दें। और  फिर  एक निम्बू में काजल से उसका नाम लिख के उसकी एक आकृति बना दे । अब शत्रु का ध्यान करते हुए 21 बार मन्त्र पढ़ते  हुए 21 बार इस्पे सिंदूर छिडकें फिर तीन लौंग लें और प्रत्येक पर मन्त्र 11 बार  पढके  शत्रु को जहाँ जहाँ पीड़ा देना चाहें उस आकृति पे उक्त अंग पे लौंग गाड़ दें। फिर उसका नाम लेते हुए तीन निम्बू काट के इस आकृति वाले निम्बू के ऊपर निचोड़ दें।
एक ढक्कन से बंद कर मिटटी से ढक दें।

मंत्र:
ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं विकट भैरवाय मम शत्रून
नाशय नाशय त्रासय त्रासय ताडय ताडय ह्रीं ह्रीं ह्रीं फट।

चुप चाप घर आ जाएँ पीछे मुडके न देखें और घर आ के हाथ मुंह धो लें।

कुछ ही दिनों में उसकी दुर्दशा की खबर मिल जाएगी।

इस प्रयोग से शत्रु अपनी ही मानसिक और शारीरिक उलझनों में फंसा रहेगा साथ ही विभिन्न शारीरिक पीड़ा चोट फोड़े आदि से भी जूझता रहेगा।

विशेष चेतावनी: कमजोर ह्रदय वाले डरपोक लोग ये प्रयोग न करे क्यूंकि कभी कभी वहां मौजूद शक्तियां प्रत्यक्ष हो जाती हैं। प्रयोग से पूर्व अपने गुरु मन्त्र की 3 माला जप और हनुमान चालीसा के 5 या अधिक पाठ घर में ही कर लें।

वो सब लोग जिन्हें कोई परेशानी नहीं है वो सिर्फ दूसरों को परेशां करने के लिए इसका प्रयोग करने की न सोचे न ही इसे पढ़ के खुश हों क्यूंकि ऐसे प्रयोग भावना प्रधान होते है। दुखी व्यक्ति की भावना दुःख देने वाले से भिन्न होती है। जिसने दूसरों को परेशां करने के लिए कोशिश कइ वो अतिशीघ्र या उसी स्थान पर मजा भी चख लेगा।

अन्य किसी जानकारी, समस्या समाधान या कुंडली विश्लेषण  हेतु संपर्क कर सकते हैं।

।।जय श्री राम।।
7579400465
8909521616(whats app)

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