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Wednesday 25 September 2013

Effective tantra remedy to get back ur Love / रूठे/छोड़कर गये साथी/ प्रेमी/प्रेमिका को वापस पाने का सरल एवँ प्रभावशाली प्रयोग :

मित्रोँ अक्सर ऐसा होता है कि प्रेमी या प्रेमिका के रूठ जाने और छोड़कर चले जाने पर दिल टूटता है और फिर लड़के लड़कियाँ उनका साथ पुनः पाने के लिए उनका वशीकरण करना चाहते हैँ या करवाना चाहते है जिसके लिए वे ताँत्रकोँ की मदद लेते हैँ, कई बार नकली ताँत्रिकोँ के चक्कर मेँ अपना पैसा समय और प्यार तीनो खो देते हैँ ।

यहाँ एक प्राचीन टोटका प्रस्तुत कर रहा हूँ जो काफी प्रभावशाली है तथा आकर्षण और वशीकरण का विशेष प्रभाव उत्पन्न करता है। किसी ताँत्रिक के पास जाने से पूर्व एक बार ये प्रयोग अवश्य आजमाएँ।

अगर आपका जीवनसाथी, प्रेमिका, प्रेमी आप से दूर चला गया हो और वो आपको संपर्क न करे तो आप यह सरल प्रभावकारी टोटका कर सकते है । यदि आपका साथी आपसे खुश नहीं रहता या आप की तरफ ध्यान नहीं देता तो भी आप ये प्रयोग कर सकते हैँ।

आप सबसे पहले किसी भी अमावस्या के दिन दो सूखे हुए पीपल के पत्ते तोड़ ले, नीचे ज़मीन से न उठाए, जो कुछ पीले/सूखे से हो पेड़ से ही तोड़ेँ, आप जिस से प्यार करते है, या जिस व्यक्ति को प्रभावित करना चाहते हो उस का नाम दोनों पीपल के पत्तो पर लिख देँ, एक पत्ते पर काजल से लिखेँ और उसको वहीँ पीपल के पेड़ के पास उल्टा कर के रख दे और उस पर भारी पत्थर रख दे, और दूसरे पत्ते पर लाल सिँदूर से लिखेँ और उसको लाकर अपने घर की छत पर उल्टा कर के रख देँ और उस पर भी पत्थर रख दे, ये आपको आगामी पूर्णिमा तक करना है यानि 16 दिन और प्रतिदिन पीपल के पेड़ में अपने साथी को वापस पाने की प्रार्थना करते हुए पानी भी चढायेँ ।
कुछ दिन बाद आपने जिसका नाम लिखा था वह व्यक्ति आपसे संपर्क करेगा और वो आपकी तरफ पुनः आकर्षित होने लगेगा । फिर सभी पत्ते एकत्र कर किसी शुद्ध स्थान पर गड्ढे मेँ दबा देँ।

आपको जिस भी व्यक्ति यानि अपने प्रेमी या प्रेमिका अथवा पति या पत्नी को आकर्षित या वश मेँ करना है उस के लिए आप ऐसा कर सकते है पर जब भी करेँ शुद्ध मन या प्रेम भाव से ही करेँ। किसी दुर्भावना, बदले की इच्छा आदि से इसका प्रयोग कदापि न करेँ।

याद रखेँ कि ये बड़ा प्रभावशाली प्रयोग है और गलत नीयत से करने पर बेहद बुरे परिणाम भुगतने पड़ सकते हैँ। आपका साथी तो जाएगा ही आप स्वयँ बड़ी मुसीबत मेँ होँगे।

वैसे इस प्रयोग को अचूक वशीकरण बाण बनाने के लिए इसके साथ कभी कभी मँत्र प्रयोग भी किया जाता है परँतु यहाँ देने से कोई भी इस शक्ति का दुरुपयोग कर सकता है। अतः पहले ऊपर दिया गया प्रयोग ही सच्चे और साफ दिल से करेँ आपको आपका प्यार अवश्य मिलेगा।

इस प्रयोग से सम्बंधित किसी जानकारी या अन्य किसी भी प्रकार की जानकारी अथवा समस्या निराकरण के लिए सम्पर्क कर सकते हैँ ।
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।। जय श्री राम।।

Wednesday 18 September 2013

Tantra Remedy for Girls marrige / कन्या का शीघ्र विवाह कराने के लिए सरल उपाय

कन्या का शीघ्र विवाह कराने के लिए सरल उपाय 

जन्मकुंडली में कई ऐसे योग होते हैं जिनकी वजह से किसी भी व्यक्ति फिर वो चाहे पुरुष हो या स्त्री अपने जीवन की सबसे बड़ी खुशी विवाह से वंचित रह जाते हैं....साथ ही कई बार ये रूकावट बाहरी बाधाओं या प्रारब्ध की वजह से भी आतीहैं. फिर चाहे लाख प्रयास करते जाओ उम्र लगातार बढ़ते जाती है पर एक तो रिश्ते आते नहीं हैं,और यदि आते भी हैं तो अस्वीकृति के अलावा और कुछ प्राप्त नहीं होता है. लोग लाख उपाय करते रहते हैं पर समस्या का समुचित निदान नहीं हो पाता है। 

परन्तु निम्न प्रयोग नाथ सिद्धों की अद्भुत देनहै समाज,को जिसके प्रयोग से कैसी भी विपरीत स्थिति की प्रतिकूलता अनुकूलता में परिवर्तित होती ही है और विवाह के लिए श्रेष्ट संबंधों की प्राप्ति होती ही है ।
प्रयोग:-

किसी भी शुभ दिवस पर मिटटी का एक नया कुल्हड़ लाएँ तथा उसमे एक लाल वस्त्र,सात काली मिर्च एवं सात ही नमक की साबुत कंकड़ी रख दें, हांडी का मुख लाल कपडे से बंद कर दें एवँ कुल्हड़ के बाहर कुमकुम की सात बिंदियाँ लगा दे फिर उसे सामने रख कर निम्न मंत्र की ५ माला जप करेँ । मन्त्र जप के पश्चात हांडी को चौराहे पर रखवा देँ. इस प्रयोग का असर देख कर आप आश्चर्यचकित रह जायेंगे ।

मन्त्र-

गौरी आवे ,शिव जो ब्यावे.अमुक को विवाह तुरंत सिद्ध करेँ,

 देर ना करेँ, जो देर होए , 
तो शिव को त्रिशूल पड़े, गुरु गोरखनाथ की दुहाई फिरै ।। 

अमुक के स्थान पर जिस लड़की का विवाह न हो रहा हो उसका नाम लिया जाएगा।
इस पोस्ट को अधिकाधिक शेयर करेँ ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस उपाय को जान सके तथा हर अविवाहित कन्या तथा उसके चिँतित माता पिता तक ये सरल उपाय पहुँच सके।


किसी भी प्रकार की जानकारी , कुंडली विश्लेषण अथवा समस्या निराकरण के लिए सम्पर्क कर सकते हैँ 

8909521616
जय श्री राम

लड़कोँ के शीघ्र विवाह का उपाय: / Easy remedy for Boys Marriage

लड़कोँ के शीघ्र विवाह का उपाय: 

मित्रोँ कुछ समय पूर्व मैने लड़कियोँ के शीघ्र विवाह का उपाय लिखा था अब लड़कोँ के शीघ्र विवाह के लिए एक उपाय लिख रहा हूँ:

जिन युवकोँ का विवाह नहीँ हो रहा वे किसी शुभ दिन माँ दुर्गा का मँदिर मेँ जाकर लहँगा चुनरी से श्रँगार करायेँ, श्रँगार सामग्री और दक्षिणा चढ़ाएँ। तत्पश्चात उसी साँय एक चौकी पर एक आधा मीटर सफेद वस्त्र बिछाकर उस पर एक पत्तल (पत्तोँ से बनी प्लेट) मेँ बूँदी के सात लड्डू, सात लौँग सात काली मिर्च, लाल मिर्च, सात बताशे व सात नमक की डली और सात रँग के फूल रखेँ । दीपक व गुगगुल की धूप जलाएँ और नीचे लिखे मँत्र की रूद्राक्ष माला पर 7 माला जप कर उपरोक्त सामग्री कपडे सहित सिर पर से सात बार उतार लेँ और जाकर चौराहे पर रख देँ। बिना पीछे देखे वापस घर आ जाएँ और हाथ मुँह धो लेँ।

ॐ नमो कामाख्या माई, 'अमुक' फौरन पत्नी पाये, तेरे बालक का घर बस जाए, बाधा कोई न आड़े आये, ग्रह बीच जो कोई अड़े, हनुमान की गदा पड़े, घर कन्या पाँय परैँ, अन्नपूर्णा भण्डार भरेँ, दुहाई ईश्वर महादेव गौरा पार्वती की, योगिनी कामरू कामाक्षा की, शब्द साँचा पिण्ड काँचा, फुरो मँत्र ईश्वरो वाचा।

अमुक के स्थान पर उस लड़के का नाम लिया जाएगा जिसके बिवाह मेँ विलँब हो रहा है।

ईश्वर की कृपा से कुछ ही सप्ताह मेँ अच्छे रिश्ते प्राप्त होँगे और जल्द विवाह होगा।


अन्य किसी प्रकार की जानकारी या कुंडली वश्लेषण के लिए संपर्क कर सकते हैं 

जय श्री राम।।
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धन प्राप्ति, ऋण और दरिद्रता मुक्ति का अचूक उपाय ::-

धन प्राप्ति, ऋण और दरिद्रता मुक्ति का अचूक उपाय ::-

मित्रोँ, 
जयोतिषिओँ के पास जाने वाले अधिकाँश लोगोँ का पहला प्रश्न लगभग यही होता है कि 
"पैसा कब आयेगा? या
कमाते तो हैँ पर बचता नहीँ है क्या ऊपाय करेँ? अथवा
बहुत कर्ज मेँ डूबे हैँ कब तक पूरा चुका पाएँगे?"

आपको यहाँ धन प्राप्ति दरिद्रता नाश और ऋण मुक्ति का अचूक उपाय बता रहा हूँ जिसे आप इस श्रावण मास मेँ शुरू करेँ तो अति उत्तम होगा। यह कष्ट किसीदुष्ट ग्रह की दशा अतँर्दशा के कारण हो या अन्य से, एक बात का ध्यान रखेँ कि इनमेँ से कोई भी काम सिर्फ एक दिन के पूजा पाठ या जलाभिषेक से पूर्ण नहीँ होगा जैसा कि अक्सर टीवी वाले "विश्व विख्यात ज्योतिषगण" बता कर गुमराह करते हैँ।
ये उपाय आपको कम से कम एक वर्ष तक रोज करना होगा और तीन महीने के बाद आपको स्वयँ अपने जीवन मेँ परिवर्तन दिखने लगेगा।
किसी भी शुभ दिन से शुरू कर सकते हैँ सर्वप्रथम अपने पितृगण और गुरू को नमन करेँ, फिर भगवान गणेश , फिर माता लक्ष्मी और फिर भगवान शिव का अभिषेक और पँचोपचार पूजन करेँ, (भगवान गणेश और माता लक्ष्मी को सिँदूर और भगवान शिव को पीला चँदन लगाएँ। तीनोँ को ही कमल के पुष्प अर्पित करेँ। सँभव न हो तो लाल गुलाब अन्यथा श्री गणेश व माता लक्ष्मी को लाल गुड़हल और भगवान शिव को धतूरे, आक या सफेद कनेर के फूल अर्पित करेँ। गणेशजी को दूर्वा यानि दूब घास अवश्य अर्पित करेँ तथा भगवान शिव को बेल पत्र व बेल फल और माँ लक्ष्मी को भी बेल फल अर्पित करेँ) फिर नीचे दिये गये स्तोत्रोँ का इसी क्रम मेँ 3 बार पाठ करेँ, अँत मेँ आरती करेँ और भोग लगाएँ।

||ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र ||

सृष्ट्यादौ ब्रह्मणा सम्यक् पूजितः फलसिद्धये |सदैव पार्वती पुत्र ऋणनाशं करोतु मे ||
त्रिपुरस्य वधात् पूर्व शम्भुना सम्यगर्चितः |सदैव पार्वती पुत्र ऋणनाशं करोतु मे ||
हिरण्यकश्यपादीनां वधार्थे विष्णुनार्चितः |सदैव पार्वती पुत्र ऋणनाशं करोतु मे ||
महिषस्य वधे देव्या गणनाथः प्रपूजितः |सदैव पार्वती पुत्र ऋणनाशं करोतु मे ||
तारकस्य वधात् पूर्व कुमारेण प्रपूजितः |सदैव पार्वती पुत्र ऋणनाशं करोतु मे ||
भास्करेण गणेशस्तु पूजितश्छवि सिद्धये |सदैव पार्वती पुत्र ऋणनाशंकरोतु मे ||
शशिना कान्तिसिद्ध्यथें पूजितो गणनायक: |सदैव पार्वती पुत्र ऋणनाशं करोतु मे ||
पालनाय च तपसा विश्वामित्रेण पूजितः|सदैव पार्वती पुत्र ऋणनाशं करोतु मे||
इदं तु ऋणहरण स्तोत्रं तीव्रदारिद्र्य नाशनम् |एक वारं पठेन्नित्यं वर्षमेकं समाहितः ||
दारिद्रम् दारुण त्यक्त्वा कुबेर समतां व्रजेत | फडन्तोऽयं महामंत्र: सार्धपञ्चदशाक्षर: ||

।।दरिद्र दहन स्तोत्र।।

विश्र्वेश्र्वराय नरकार्णव तारणाय
कर्णामृताय शशिशेखर धारणाय
कर्पूरकान्तिधवलाय जटाधराय
दारिद्र्य दुःख दहनाय नमः शिवाय||

गौरिप्रियाय रजनीशकलाधराय
कालान्तकाय भुजगाधिपकङ्ग्कणाय
गङ्गाधराय गजराजविमर्दनाय
दारिद्र्य दुःख दहनाय नमः शिवाय||

भक्तिप्रियाय भवरोगभयापहाय
उग्राय दुर्गभवसागरतारणाय
ज्योतिर्मयाय गुणनामसुनुत्यकाय
दारिद्र्य दुःख दहनाय नमःशिवाय।।

चर्मम्बराय शवभस्मविलेपनाय
भालेक्षणाय मणिकुण्डल मण्डिताय
मंझीर पादयुगलाय जटाधराय
दारिद्र्य दुःख दहनाय नमः शिवाय||

पञ्चाननाय फणिराज विभूषणाय
हेमांशुकाय भुवनत्रय मण्डिताय
आनन्दभूमिवरदाय तमोमयाय
दारिद्र्य दुःख दहनाय नमः शिवाय||

भानुप्रियाय भवसागरतारणाय
कालान्तकाय कमलासनपूजिताय
नेत्रत्रयाय शुभलक्षण लक्षिताय
दारिद्र्य दुःख दहनाय नमः शिवाय||

रामप्रियाय रघुनाथवरप्रदाय
नागप्रियाय नरकार्णवतारणाय
पुण्येषु पुण्यभरिताय सुरार्चिताय
दारिद्र्य दुःख दहनाय नमः शिवाय||

मुक्तेश्र्वराय फलदाय गणेश्र्वराय
गीतप्रियाय व्रुषभेश्र्वरवाहनाय
मातङ्गचर्मवसनाय महेश्र्वराय
दारिद्र्य दुःख दहनाय नमः शिवाय||

।।श्री सूक्त ।।
हरिःॐ
हिरण्यवर्णांहरिणीं सुवर्णरजतस्रजाम् ।चन्द्रांहिरण्मयींलक्ष्मीं जातवेदोमआवह॥१॥

तां मआवह जातवेदोलक्ष्मी मनपगामिनीम् ।यस्यां हिरण्यंविन्देयं गामश्वंपुरुषानहम् ॥२॥

अश्वपूर्वां रथमध्यां हस्तिनादप्रबोधिनीम्।श्रियं देवीमुपह्वये श्रीर्मादेवीजुषताम् ॥३।।

कां सोस्मितां हिरण्यप्राकारामार्द्रां ज्वलन्तींतृप्तांतर्पयन्तीम् ।पद्मेस्थितां पद्मवर्णां तामिहोपह्वयेश्रियम् ॥४॥

चन्द्रांप्रभासां यशसाज्वलन्तीं श्रियंलोकेदेवजुष्टामुदाराम् । तां पद्मिनीमीं शरणमहंप्रपद्ये ऽलक्ष्मीर्मेनश्यतां त्वांवृणे॥५॥

आदित्यवर्णे तपसोऽधिजातो वनस्पतिस्तव वृक्षोऽथबिल्वः ।तस्यफलानि तपसानुदन्तु मायान्तरायाश्च बाह्या अलक्ष्मीः ॥६॥

उपैतुमां देवसखः कीर्तिश्चमणिनासह ।प्रादुर्भूतोऽस्मि राष्ट्रेऽस्मिन्कीर्तिमृद्धिंददातुमे ॥७॥

क्षुत्पिपासामलां ज्येष्ठामलक्ष्मीं नाशयाम्यहम् ।अभूतिम समृद्धिंचसर्वांनिर्णुद मेगृहात्॥८॥

गन्धद्वारां दुराधर्षां नित्यपुष्टांकरीषिणीम् ।ईश्वरीं सर्वभूतानां तामिहोपह्वयेश्रियम् ॥९॥

मनसःकाममाकूतिं वाचःसत्यमशीमहि ।पशूनां रूपमन्नस्यमयि श्रीःश्रयतांयशः ॥१०॥

कर्दमेन प्रजाभूतामयिसम्भवकर्दम ।श्रियंवासयमेकुले मातरंपद्ममालिनीम् ॥११॥

आपःसृजन्तुस्निग्धानि चिक्लीतवसमेगृहे। निचदेवींमातरं श्रियंवासयमेकुले ॥१२॥

आर्द्रां पुष्करिणीं पुष्टिंपिङ्गलां पद्ममालिनीम् ।चन्द्रां हिरण्मयींलक्ष्मीं जातवेदोमआवह॥१३॥

आर्द्रां यःकरिणीं यष्टिंसुवर्णां हेममालिनीम् ।सूर्यां हिरण्मयींलक्ष्मीं जातवेदोमआवह॥१४॥

तां मआवहजातवेदो लक्ष्मीमनपगामिनीम् ।यस्यां हिरण्यंप्रभूतं गावोदास्योऽश्वान्विन्देयं पूरुषानहम् ॥१५॥

यःशुचिःप्रयतोभूत्वा जुहुयादाज्यमन्वहम्। सूक्तंपञ्चदशर्चंच श्रीकामःसततंजपेत् ॥१६॥

मित्रोँ यूँ तो ये तीनोँ ही स्तोत्र अत्यँत प्रभावशाली हैँ कि इनमेँ से किसी एक का पाठ ही चमत्कार कर सकता है और भिखारी को भी मालामाल कर सकता है परँतु तीनोँ का इस क्रम मेँ रोज 3 बार किया गया पाठ अतिशीघ्र व कई गुना अधिक फल देता है।

अन्य किसी जानकारी के लिए सम्पर्क कर सकते हैँ
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भूत, प्रेत और मसान बाधा के लिए एक अनुभूत प्रयोग

भूत, प्रेत और मसान बाधा के लिए एक अनुभूत प्रयोग 

मित्रो अक्सर बहुत सारे ग्रुप्स में लोगो को भूत प्रेत या मसान बाधा से सम्बंधित प्रश्न पूछते देखता हूँ । आज उसके लिए ही एक ऐसा अनुभूत प्रयोग प्रस्तुत कर रहा हूँ जो यदि अपने ठीक से किया तो कुछ ही दिनों में पीड़ित व्यक्ति इन बाधाओं से मुक्त हो जायेगा नहीं तो जब तक आपको कोई सही व्यक्ति उपचार करने के लिए नहीं मिल जाता यानि कोई असली साधक या तांत्रिक तब तक ये फर्स्ट ऐड का काम अवश्य करेगा इसकी १००% गारंटी है ।

अपने इष्ट कार्य की सिद्धि के लिए मंगल अथवा शनिवार का दिन चुन लें और यदि पीड़ित ज्यादा कष्ट में हो तो किसी भी दिन कर सकते हैं । इसके लिए हनुमानजी का एक चित्र या मूर्ति जप करते समय सामने रख लें। ऊनी अथवा कुशासन बैठने के लिए प्रयोग करें। । घर में यदि यह सुलभ न हो तो कहीं एकान्त स्थान अथवा एकान्त में स्थित हनुमानजी के मन्दिर में प्रयोग करें।
हनुमान जी के अनुष्ठान मे अथवा पूजा आदि में दीपदान का विशेष महत्त्व है। पाँच अनाजों (गेहूँ, चावल, मूँग, उड़द और काले तिल) को अनुष्ठान से पूर्व एक-एक मुट्ठी लेकर गंगाजल में भिगो दें। अनुष्ठान वाले दिन इन अनाजों को पीसकर उनका दीया बनाएँ। बत्ती के लिए अपनी लम्बाई के बराबर कलावा लें अथवा एक कच्चे सूत को लम्बाई के बराबर काटकर लाल रंग में रंग लें। इस धागे को पाँच बार मोड़ लें। इस बत्ती को तिल के तेल थोडा सा चमेली का तेल मिलकर दिए में डालकर प्रयोग करें। समस्त पूजा काल में यह दिया जलता रहना चाहिए। हनुमानजी के लिये गूगुल की धूप भी जलाएं ।

जप के प्रारम्भ में यह संकल्प अवश्य लें कि आपका कार्य जब भी सिद्ध होगा, हनुमानजी के निमित्त नियमित कुछ भी करते रहेंगे या प्रसाद चढ़ाएंगे सुन्दरकाण्ड का पाठ कराएँगे आदि । फिर हनुमान जी की पंचोपचार पूजा करें फिर जो आटे का दिया अपने बनाया था वो जलाएं , गुग्गुल की धूप दें गुलाब के पुष्प हनुमानजी को अर्पित करें 
  अब अपनी सुरक्षा  के लिए  एकादश मुख हनुमान कवच का पाठ  करें  और फिर शुद्ध उच्चारण से यानि जोर जोर से बोलते हुए हनुमान जी की छवि पर ध्यान केन्द्रित करके बजरंग बाण का जाप प्रारम्भ करें। “श्रीराम–” से लेकर “–सिद्ध करैं हनुमान” तक एक बैठक में ही इसकी एक माला जप करनी है अर्थात १०८ जप करने हैं । कुछ भी हो जाये पाठ बीच में छोड़कर उठाना नहीं है साथ में एक लोटे में जल रख लें । जप पूर्ण होने के पश्चात् इस जल के छींटे पीड़ित व्यक्ति पर डालें, उसे पिलायें, पूरे घर में डालें और घर के सब सदस्य इसे पियें इसमें समय अवश्य लगेगा पर इसका असर अतुलनीय है । बजरंगबली की कृपा हुई तो पीड़ित व्यक्ति या आपका घर उस पीड़ा से मुक्त हो जायेगा यदि कहीं कुछ कमी रह गयी हो फिर भी ये इतना असर करेगा की आपकी समस्या में फर्स्ट ऐड का कम करेगा इसके बाद जब तक कोई उचित ज्ञानी व्यक्ति न मिल जाये प्रतिदिन बजरंग बन का तीन बार नियमित पाठ करते रहें । 

गूगुल की सुगन्धि देकर जिस घर में बगरंग बाण का नियमित पाठ होता है, वहाँ दुर्भाग्य, दारिद्रय, भूत-प्रेत का प्रकोप और असाध्य शारीरिक कष्ट आ ही नहीं पाते। समयाभाव में जो व्यक्ति नित्य पाठ करने में असमर्थ हो, उन्हें कम से कम प्रत्येक मंगलवार को यह जप अवश्य करना चाहिए।

यदि किसी असाध्य रोग से ग्रसित हों या कोई भी पीड़ा या कष्ट जिसका समाधान न मिल रहा हो उसके लिए ये प्रयोग अवश्य करें ।

इस प्रयोग से सम्बंधित किसी जानकारी या अन्य किसी भी प्रकार की जानकारी अथवा समस्या निराकरण के लिए सम्पर्क कर सकते हैँ ।
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Thursday 5 September 2013

शीघ्र नौकरी पाने का सरल उपाए:


मित्रों,
आज के समय में नौकरी प्राप्त करना किसी युद्ध में विजय होने से कम नहीं है, यदि व्यक्ति अशिक्षित हो और घर पर खाली बैठा हो तो एक बार को समझ में आ सकता है पर बड़ी बड़ी डिग्रियां हासिल करने के बाद भी हजारों युवा आज घर पर खाली हाथ बैठे हैं। अनपढ़ व्यक्ति तो मेहनत मजदूरी कर लेता है, रिक्शा चला लेता है पर पढ़ा लिखा डिग्री के दंभ में खाली रह जाता है।

बेरोजगारों की तादात आज इतनी है कि कहीं भी इंटरव्यू देने जाइये ५० आदमी आपसे पहले लाइन में खड़े होते हैं, अच्छी डिग्री होने के बावजूद मनपसंद नौकरी या आराम से बैठ कर की जाने वाली नौकरी या अच्छी कमाई वाली नौकरी तो बहुत दूर की बात है, अपना जेब खर्च चलाने लायक नौकरी भी नहीं मिल पाती, ऊपर से पास पड़ोस में रहने वालों के ताने, रिश्तेदारों के द्वारा बार बार पूछा जाना "अभी तक नौकरी नहीं लगी ? घर पे खाली बैठे हो?" सबसे बढ़कर चोट तब लगती है जब अपने ही माँ बाप कहने लगें की "घर पे बैठे बैठे रोटियां तोड़ता रहता है, चवन्नी भी कमाने लायक नहीं है, नाकारा" जी करता है की आत्महत्या कर लें या कहीं भाग जाएँ। नौकरी नहीं होती तो इज्ज़त भी मिलना बंद हो जाती है और शादी तो दूर का सपना होती है।

आज आपको एक ऐसा सरल उपाए बताने जा रहा हूँ जिसके प्रयोग से आजीविका का साधन सरलता से प्राप्त हो जाता है। 

इसके लिए सबसे पहले किसी ज्योतिषी या विद्वान पंडित जी से मिलकर अपनी जन्म कुंडली में चन्द्रमा की स्थिति का पताकर लेना चाहिए क्यूंकि ये उपाए उन लोगों को अति शीघ्र लाभ पहुंचाएगा यानि रोजगार दिलवाएगा जिनका चन्द्रमा बली हो और शुभ फल दे रहा हो या शुभ फल देने में सक्षम हो। यदि आपकी जन्म कुंडली में चन्द्रमा बली है और शुभफलप्रद है तो सबसे पहले किसी ऐसे पीपल के पेड़ की खोज करें जिस पर बाँदा उगा हुआ हो अर्थात ऐसा पीपल का पेड़ जिसके ऊपर कोई अन्य पेड़ उगा हो, जो की बहुत ही सामान्य है और आपको पीपल पर बरगद, पाकड़ या जामुन जैसे वृक्ष आसानी से उगे हुए मिल जायेंगे।
जब कोई ऐसा बाँदा युक्त या बाँदा धारी पीपल का पेड़ आपको मिल जाये तो स्वयं पंचांग की मदद से या पंडित जी से पूछ कर शुक्ल पक्ष के किसी ऐसे शनिवार के दिन का चयन करें जिस दिन चतुर्थी, नवमी या चतुर्दशी तिथि पड़ रही रही हो। जब दिन का चयन कर लें तो उक्त तिथि से एक दिन पूर्व यानि शुक्रवार की सायंकाल उक्त पीपल के बांदे को विधि पूर्वक निमंत्रण दे आयें (जिसकी विधि आप मेरीपुरानी पोस्ट 'रत्न जड़ी धारण विधि') से प्राप्त कर सकते हैं और फिर शनिवार को ब्रह्म मुहूर्त में स्नान अदि कर स्वच्छ हो पुनः पूजन कर उक्त बन्दे को अपने घर ले आयें।

फिर उसी दिन प्रातः काल में या यदि उस दिन संभव न हो तो किसी अन्य शनिवार को जब फिर दिन और तिथि का यही योग बन रहा हो तो पीपल के इस बांदे को देवता की प्रतिमा मानकर इसे गंगाजल से स्नान कराएँ, इसकी पंचोपचार पूजा करें धुप दीप करें और निम्न मंत्र की रक्त चन्दन या रुद्राक्ष की माला से पञ्च माला जप करें: 

ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्रीँ महाल्क्ष्मये सर्व सौभाग्य दायिनी नमोस्तुते।

तत् पश्चात् रुद्राक्ष की माला से निम्न मंत्र की तीन माला जप करें

ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्नैश्चराये नमः।

और फिर उक्त बांदे के टुकड़े को किसी चाँदी अथवा ताम्बे के ताबीज़ में भरकर फिर उसे लाल कपडे में सिलकर गले या दाहिनी भुजा में धारण करें।

ईश्वर की कृपा से उक्त प्रयोग करके आपको अतिशीघ्र नौकरी प्राप्त होगी, मैंने अब तक जिन जिन लोगों को ये बना कर दिया श्री राम जी की कृपा से उन सब को इसे धारण करने के ७ सप्ताह के भीतर ही रोजगार प्राप्त हो गया। एक और बात की जब कोई नौकरी आये तो उसे स्वीकार कर लें चाहे वेतन कम ही हो बाकि अच्छे वेतन वाली नौकरी हेतु प्रयासरत रहें। ताबीज़ पहने रहें, माता महालक्ष्मी जी की कृपा से आगे के मार्ग स्वयं प्रशस्त होते रहेंगे।

जिन लोगों का चन्द्रमा बली न हो अथवा उच्च या नीच का हो और शुभ फल न दे रहा हो, वे किसी अच्छे ज्योतिषी या पंडित जी से मिलकर उसका उपचार करें और तत् पश्चात उक्त प्रयोग करें।

धन्यवाद्

।।जय श्री राम।।

प्रयोग से सम्बंधित या अन्य किसी जानकारी या सलाह हेतु या यदि आपके आस पास ये उपलब्ध न हो मंत्र सिद्ध उक्त ताबीज़ मंगवाने के लिए संपर्क कर सकते हैं
8909521616