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Sunday 29 December 2013

स्वास्थ्य और धन के लिए श्वेतार्क गणपति / Natural Shwetark Ganapati for Health & wealth ( The Tantrik Herbs -4 )

स्वास्थ्य और धन के लिए श्वेत आर्क गणपति:
मित्रों, भगवान गणेश के श्वेतार्क रूप की साधना कर अक्षय लक्ष्मी, विद्या बुद्धि, और ऋण नाश और ऊपरी बाधाओं से मुक्ति पा सकते हैं। ऐसी आस्था है कि इसकी जड़ को पुष्य नक्षत्र में विशेष वैदिक विधि के साथ आमंत्रित कर जिस घर में स्थापित किया जाता है वहाँ स्थायी रूप से लक्ष्मी का वास बना रहता है और धन धान्य की कमी नहीं रहती।
श्वेतार्क वृक्ष से सभी परिचित हैं। इसे सफेद आक, मदार, श्वेत आक, राजार्क, आदि नामों से जाना जाता है। सफेद फूलों वाले इस वृक्ष को गणपति का स्वरूप माना जाता है। इसलिए प्राचीन ग्रंथों के अनुसार जहां भी यह पौधा रहता है, वहां इसकी पूजा की जाती है। इससे वहां किसी भी प्रकार की बाधा नहीं आती। वैसे इसकी पूजा करने से साधक को काफी लाभ होता है।
अगर रविवार या गुरुवार के दिन पुष्य नक्षत्र में विधिपूर्वक इसकी जड़ को खोदकर ले आएं और पूजा करें, तो कोई भी विपत्ति जातकों को छू भी नहीं सकती। ऐसी मान्यता है कि इस जड़ के दर्शन मात्र से भूत-प्रेत जैसी बाधाएं पास नहीं फटकती।
अगर इस पौधे की टहनी तोड़कर सुखा लें और उसकी कलम बनाकर उससे यंत्र का निर्माण करें, तो यह यंत्र तत्काल प्रभावशाली हो जाएगा।इसकी कलम में देवी सरस्वती का निवास माना जाता है। वैसे तो इस जड़ के प्रभाव से सारी विपत्तियां समाप्त हो जाती हैं । इसकी जड़ में दस से बारह वर्ष की आयु में भगवान गणेश की आकृति का निर्माण होता है। यदि इतनी पुरानी जड़ न मिले तो वैदिक विधि पूर्वक इसकी जड़ निकाल कर इस जड़ की लकड़ी में सोने या चाँदी की सुई या औजारों से से गणेश जी की प्रतिमा या तस्वीर बनाएं। यह आपके अंगूठे से बड़ी नहीं होनी चाहिए। इसकी विधिवत पूजा करें। पूजन में लाल कनेर के पुष्प अवश्य इस्तेमाल में लाएं। एक लकड़ी के चौके या पाटे पर एक पीला वस्त्र बिछाएं । उस पर एक प्लेट रखे वव प्लेट पर कुमकुम या सिंदूर से अष्टदल बनायें इसके ऊपर फूल बिछाकर आसन दें व श्वेतार्क गणपति को विराजमान करें फिर पंचोपचार या षोडशोपचार पूजन करें और इस मंत्र का 1 माला जप करें
“ॐ पंचाकतम् ॐ अंतरिक्षाय स्वाहा”
से पूजन करें और इसके पश्चात इस मंत्र
“ॐ ह्रीं पूर्वदयां ॐ ह्रीं फट् स्वाहा”
से 108 आहुति दें। लाल कनेर के पुष्प, शहद तथा शुद्ध गाय के घी से आहुति देने का विधान है। इसके बाद गणपति कवच का तीन बार पाठ करें अथार्वशिर्ष का 11 पाठ करें ततपश्चात11 माला जप नीचे लिखे मँत्र का करेँ और प्रतिदिन कम से 1 माला करेँ
"ॐ गँ गणपतये नमः"
का जप करें।अब
“ॐ ह्रीं श्रीं मानसे सिद्धि करि ह्रीं नमः”
मंत्र बोलते हुए लाल कनेर के पुष्पों को नदी या सरोवर में प्रवाहित कर दें।
वैसे आयुर्वेद मेँ इसका प्रयोग चर्म रोगों, पाचन समस्याओं, पेट के रोगों, ट्यूमरों, जोड़ों के दर्द, घाव और दाँत के दर्द को दूरकरने में किया जाता है। इस पेड़ का दूध गंजापन दूर करने और बाल गिरने को रोकनेवाला है। इसके फूल, छाल और जड़ दमेऔर खाँसी को दूर करने वाले माने गए हैं।
धार्मिक दृष्टि से श्वेत आक को कल्प वृक्ष की तरह वरदायक वृक्ष माना गयाहै। श्रद्धा पूर्वक नतमस्तक होकर इस पौधे से कुछ माँगने पर यह अपनी जान देकर भी माँगने वाले की इच्छा पूरी करता है। यह भी कहा गया है कि इसप्रकार की इच्छा शुद्ध होनी चाहिए। ऐसी आस्था भी है कि इसकी जड़ को पुष्य नक्षत्र में विशेष विधिविधान के साथ जिस घर में स्थापित किया जाता है वहाँ स्थायी रूप से लक्ष्मी का वास बना रहता है और धन धान्य की कमी नहीं रहती।
श्वेतार्क के ताँत्रिक, लक्ष्मी प्राप्ति, ऋण नाशक, जादू टोना नाशक, नज़र सुरक्षा के इतने प्रयोग हैँ कि पूरी किताब लिखी जा सकती है।
थोड़ी सी मेहनत कर आप भी अपने घर के आस पास या किसी पार्क आदि मेँ श्वेतार्क का पौधा प्राप्त कर सकते हैँ।
श्वेतार्क गणपति घर मेँ स्थापित करने से सिर्फ गणेश जी ही नहीँ बल्कि माता लक्ष्मी और भगवान शिव की भी विशेष कृपा प्राप्त होती है।
सिद्धी की इच्छा रखने वालोँ को 3 मास तक इसकी साधना करने से सिद्धी प्राप्त होती है।
जिनके पास धन न रूकता हो या कमाया हुआ पैसा उल्टे सीधे कामोँ मेँ जाता हो उन्हेँ अपने घर मेँ श्वेतार्क गणपति की स्थापना करनी चाहिए।
जो लोग कर्ज मेँ डूबे हैँ उनके लिए कर्ज मुक्ति का इससे सरल अन्य कोई उपाय नही है।
दुकान में अलमारी या गल्ले में रखने से धनागम सुचारू रूप से चलता रहता है और व्यापर में न तो मंदी आती है न किसी विरोधी की बुरी नज़र या किये कराये का असर होता है।
जो लोग ऊपरी बाधाओँ और रोग विशेष से ग्रसित हैँ इसकी पूजा से या ताबीज धारण करने से वायव्य बाधाओँ से तुरँत मुक्ति और स्वास्थ्य मेँ अप्रत्याशित लाभ पा सकते हैँ।
जिनके बच्चोँ का पढ़ने मेँ मन न लगता हो वे इसकी स्थापना और पूजन कर या इसका ताबीज पहना कर बच्चोँ की एकाग्रता और सँयम बढ़ा सकते है।
पुत्रकाँक्षी यानि पुत्र कामना करने वालोँ को इसके समक्ष गणपति पुत्रदा स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। संतान हीन स्त्रियों को श्वेतार्क ताबीज धारण करने से संतान प्राप्ति शीघ्र होती है।
श्वेतार्क गणपति या श्वेतार्क की जड़, जड़ प्राप्ति की वैदिक विधि और इस साधना के संबँध मेँ किसी भी जानकारी के लिए या मंगवाने के लिए सम्पर्क कर सकते हैँ।

8909521616
7579400465
धन्यवाद।
।।जय श्री राम ।।

5 comments:

  1. रविपुष्य या गुरुपुष्य में वेदिक विधि से खोदी जड़ को अगले दिन घर में स्थापित कर सकते है या किसी विशेष मुहूर्त का इन्तजार करना पड़ेगा । आदरणीय जी

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  2. agle din nahi same day sthapit karni hogi

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  3. बाजार में सफ़ेद आक की मूर्ति उपलब्ध हो तो वो भी रवि पुष्य में ला सकते है?

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  4. सफ़ेद आक की मूर्ति में कीड़े लगने से थोड़ी खराब हो जाये और धुप में रखने से कीड़े निकल जाये तो फिर उसकी पूजा जारी रख सकते है?

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    1. नहीं घुन या दीमक लगी मूर्ति खण्डित मानी जाती है उसे प्रवाहित कर दें

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