नाग पंचमी विशेष 9 अगस्त 2024
महाभारत के अनुसार :नाग जनमेजय के यज्ञ में आस्तीक मुनि से वचनबद्ध हैं। आज भी इस मन्त्र जप से सर्प-नाग देवता चारपाई पर नहीं चढ़ते। उनके इस मन्त्र का स्मरण करते ही विषैले नाग और सर्प भी वापिस चले जाते हैं।
मंत्र इस प्रकार है-
सर्पासर्प भद्रं ते गच्छ सर्प महाविष ॥
जनमेजयस्य यज्ञान्ते आस्तीकवचनं स्मर ॥
आस्तीकस्य वचः श्रुत्वा यः सर्षो न निवर्तते ।
शतधा भिद्यते मूर्छिन शिंशवृक्षफल यथा।।
- महाभारत, आदिपर्व
।।जय श्री राम।।
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