Translate

Sunday 21 July 2019

सावन विशेष : रुद्र सूक्त

रूद्र-सूक्त

 सभी दुखों एवं शत्रुओं का नाश करने में ‘रूद्र-सूक्त’ बेमिसाल है। ‘रूद्र-सूक्त’ जहाँ सभी दुखों का नाश करता है, और शत्रुओं का नाश करता है, वहीं यह अपने साधक कि सम्पूर्ण रूप से रक्षा भी करता है।
‘रूद्र-सूक्त’ का पाठ करने वाला साधक सम्पूर्ण पापों, दुखों और भयों से छुटकारा पाकर अंत में मोक्ष को प्राप्त होता है। शास्त्रों में ‘रूद्र-सूक्त को ‘अमृत’ प्राप्ति का ‘साधन’ बताया गया है।

।।रूद्र-सूक्त ।।

नमस्ते रुद्र मन्यवऽ उतो तऽ इषवे नमः।
बाहुभ्याम् उत ते नमः॥1॥

या ते रुद्र शिवा तनूर-घोरा ऽपाप-काशिनी।
तया नस्तन्वा शन्तमया गिरिशंताभि चाकशीहि ॥2॥

यामिषुं गिरिशंत हस्ते बिभर्ष्यस्तवे ।
शिवां गिरित्र तां कुरु मा हिन्सीः पुरुषं जगत् ॥3॥

शिवेन वचसा त्वा गिरिशाच्छा वदामसि ।
यथा नः सर्वमिज् जगद-यक्ष्मम् सुमनाऽ असत् ॥4॥

अध्य वोचद-धिवक्ता प्रथमो दैव्यो भिषक् ।
अहींश्च सर्वान जम्भयन्त् सर्वांश्च यातु-धान्यो ऽधराचीः परा सुव ॥5॥

असौ यस्ताम्रोऽ अरुणऽ उत बभ्रुः सुमंगलः।
ये चैनम् रुद्राऽ अभितो दिक्षु श्रिताः सहस्रशो ऽवैषाम् हेड ऽईमहे ॥6॥

असौ यो ऽवसर्पति नीलग्रीवो विलोहितः।
उतैनं गोपाऽ अदृश्रन्न् दृश्रन्नु-दहारयः स दृष्टो मृडयाति नः ॥7॥

नमोऽस्तु नीलग्रीवाय सहस्राक्षाय मीढुषे।
अथो येऽ अस्य सत्वानो ऽहं तेभ्यो ऽकरम् नमः ॥8॥

प्रमुंच धन्वनः त्वम् उभयोर आरत्न्योर ज्याम्।
याश्च ते हस्तऽ इषवः परा ता भगवो वप ॥9॥

विज्यं धनुः कपर्द्दिनो विशल्यो बाणवान्ऽ उत।
अनेशन्नस्य याऽ इषवऽ आभुरस्य निषंगधिः॥10॥

या ते हेतिर मीढुष्टम हस्ते बभूव ते धनुः ।
तया अस्मान् विश्वतः त्वम् अयक्ष्मया परि भुज ॥11॥

परि ते धन्वनो हेतिर अस्मान् वृणक्तु विश्वतः।
अथो यऽ इषुधिः तवारेऽ अस्मन् नि-धेहि तम् ॥12॥

अवतत्य धनुष्ट्वम् सहस्राक्ष शतेषुधे।
निशीर्य्य शल्यानां मुखा शिवो नः सुमना भव ॥13॥

नमस्तऽ आयुधाय अनातताय धृष्णवे।
उभाभ्याम् उत ते नमो बाहुभ्यां तव धन्वने ॥14॥

मा नो महान्तम् उत मा नोऽ अर्भकं मा नऽ उक्षन्तम् उत मा नऽ उक्षितम्।
मा नो वधीः पितरं मोत मातरं मा नः प्रियास् तन्वो रूद्र रीरिषः॥15॥

मा नस्तोके तनये मा नऽ आयुषि मा नो गोषु मा नोऽ अश्वेषु रीरिषः।
मा नो वीरान् रूद्र भामिनो वधिर हविष्मन्तः सदमित् त्वा हवामहे॥16॥

अन्य किसी जानकारी , कुंडली विश्लेषण और समस्या समाधान हेतु सम्पर्क कर सकते हैं।

।।जय श्री राम।।
7579400465
8909521616(whats app)
Also visit: jyotish-tantra.blogspot.com

No comments:

Post a Comment