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Friday 8 April 2016

Nav Samwatsar 2073 नवसंवत्सर 2073 का फल

नवसंवत्सर 2073 का फल

चैत शुक्ल प्रतिपदा को नूतन संवत्सर आरम्भ होता है। इस दिन सभी लोगों को चाहिए कि अपने घर पर ध्वज लगायें। मंगल स्नान कर देवता, ब्राहम्ण गुरू और धर्म ध्वजा की पूजा करें और उसके नीचे पंक्तिबद्ध बैठकर सभी एक स्वर में ध्वज गीत का गायन करें। इस बार नवसंवत्सर का शुभारम्भ 8 अप्रैल दिन शुक्रवार को हो रहा है। वर्ष की शुरूआत सौम्य नामक संवत्सर से हो रही है।

संवत् 2073 में सौम्य नामक संवत्सर होने पर वर्षा अधिक होती है और कृषि उपज में वृद्धि होने से लगभग सभी पदार्थ सस्ते होते है। संवत्सर का निवास धोबी के घर में है, जिससे कुआॅ, बावली, तालाब, नदी व वन जल से भरपूर रहेंगे। समय का वाहन हाथी है जिसके कारण जनता सुखी रहेगी व वर्षा अच्छी होगी।

सौम्य नामक संवत्सर की मंत्रिपरिषद कुछ इस प्रकार है-

राजा-शुक्र, मन्त्री-बुध, सस्येश- शनि, धान्येश-गुरू, मेघेश-भौम, रसेश-चन्द्र, नीरसेश-शनि, धनेश-शुक्र, दुर्गेश-भौम

राजा शुक्र- राजा शुक्र होने से अनाज की पैदावर अच्छी होती है। देश की जनता भौतिक वस्तुओं में व्यय अधिक करती है। राजा यात्रायें करने में अपना समय अधिक व्यतीत करता है।

मन्त्री बुध- बुध ग्रह बुद्धि व युवाओं का संकेतक है। जिससे देश में युवाओं की भागीदारी विशेषकर रहेगी। देश के उत्थान व विकास में युवाओं का अहम रोल होगा। मन्त्री बुध होने से राजा को सलाह अच्छी और बुद्धिमत्तापूर्ण मिलती है।

सस्येश शनि- शनि के सस्येश होने से शासक वर्ग से जनता व्यथित और पीडि़त होंगे। जनता को अनेक प्रकार के कष्टों का सामना करना पड़ता है।

मेघेश मंगल- कहीं अतिवृष्टि होती है और कहीं अनावृष्टि होती है। जिससे कृषक वर्ग को नुकसान होता है। शिक्षक व गुरू आदि अधर्म का आचरण करते है।

नीरसेश शनि- शनि के नीरसेश होने से लोहा-जिंक आदि धातुयें और काले वस्त्र व काली वस्तुयें आदि धान्य पदार्थ सस्ते होते है।

रसेश चन्द्र- चन्द्र के कारण पुरूष व स्त्रियों में आपसी प्रेम भावनायें अधिक होती है। वर्षा श्रेष्ठ और रस वाले फलों का उत्पादन अच्छा होता है।

धनेश शुक्र- प्रत्येक वर्ग की आय बढ़ती है, जिससे जीवन स्तर उॅचा होता है। व्यापारियों को क्रय-विक्रय से लाभ होता है। शासक भी जनता की भलाई के लिए नित्य प्रयास रहते है।

सौम्य संवत्सर का फल- सौम्य नामक 2073 संवत् मंे शुभ और पापग्रहों को समान अधिकार दिये गये है। दोनों पक्षों को पाॅच पद दिये गये है। राज्य पद एंव मन्त्री पद समन्वयवादी ग्रह शुक्र और बुध को प्रदान दिये गये है, जिसमें देश में आपसी प्रेम व सहिष्णुता का वातावरण बना रहेगा। देश की सुरक्षा पर समय-समय पर अधिक ध्यान दिया जायेगा। विदेशों में भारत की छवि पहले से बेहतर होगी। प्राकृतिक आपदाओं पर धन का अपव्यय अधिक होगा। देश के कुछ हिस्सों में कृषक आन्दोलन भी हो सकते है। औद्योगिक विकास होगा साथ ही अनेक औद्योगिक कारखानों में विस्फोट से जन-धन की हानि होगी। विदेशी व्यापार से आय में वृद्धि होगी। कुल मिलाकर देश प्रगति के मार्ग पर अग्रसर रहेगा।

मेष- इस राशि के जातकों के आय में वृद्धि होगी. कार्य-व्यापार में नए अवसर मिलेंगे तथा लाभ की उम्मीद आप कर सकते हैं इस समय। जीवन-साथी के साथ प्रेम में प्रगाढ़ता आएगी और जो लोग अविवाहित हैं, जीवन-साथी की तलाश में हैं या प्रेम की तलाश में हैं उन्हें अवश्य सफलता मिलेगी। इस समय संतान के लिए समय बहुत उपयुक्त है, विशेषकर इस राशि की गर्भवती महिलाओं को अपना ध्यान रखना चाहिए।

वृषभ- इस राशि वालों के लिए यह परिवर्तन शुक्र लग्‍नेश भी है अत: जबरदस्त राजयोग का सृजन होगा. यहां यह आपके पराक्रम में खूब वृद्धि कारक होगा। उच्‍च वर्ग का सहयोग मिलेगा, मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी तथा पुरुषों को स्त्रियों से और स्त्रियों को पुरुषों से बहुत सहयोग मिलेगा। पारिवारिक सुख में भी वृद्धि होगी और परिवार में कोई शुभ कार्य संपन्न होगा।

मिथुन- इस राशि वालों के भाग्य में खूब वृद्धि होगा, साथ ही पराक्रम भी बढ़ाएगा। इस समय भाग्य-कर्म का बहुत ही अच्‍छा संयोग बनेगा आपके लिए और आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ होगी। धन प्रचुर मात्रा में आएगा। बहुत सुख का अनुभव करेंगे आप। संतान पक्ष से भी बहुत प्रसन्नता होगी और जो लोग किसी परीक्षा प्रतियोगिता में भाग ले रहे हैं, उन्हें अवश्य सफलता मिलेगी।

कर्क- इस राशि के जातकों के लिए यह राशि परिवर्तन अष्टम आय और सुख योग का सृजन वाला है, जिसके कारण पारिवारिक सुख में बढ़ोतरी होगी और साथ ही आय में भी वृद्धि होगी। इस समय शारीरिक कष्ट भी होगा। पेट के निचले हिस्से या जननेन्द्रियों में कोई समस्या उत्पन्न हो सकती है।

सिंह- इस राशि वालों के लिए व्यापार में लाभ और उन्नति होगी. मान-सम्मान बढ़ेगा इस समय और उच्‍च वर्ग से सहयोग मिलेगा। व्यापार की वृद्धि के लिए या नए कार्य को प्रारम्भ करने के लिए यह समय उचित होगा. इस समय विपरीत लिंग के प्रति आपका रुझान बहुत अधिक बढ़ेगा और कामेच्छा बहुत प्रबल रहेगी।

कन्या- आपके भाग्य पक्ष बहुत ही मजबूत हो जायेगा। इस समय आपको अपने भाग्य की अपेक्षा कर्मों पर अधिक विश्र्वास करना होगा। आय में बहुत कमी होने की संभवाना बनेगी तथा खर्च बहुत अधिक होगा। इस समय आप कुछ अनावश्यक खर्च भी करेंगे।

तुला- गर्भवती महिलाओं को छोड़कर यह समय तुला राशि के जातकों के लिए बहुत ही बेहतर जायेगा। प्रेम करने वालों की तो जैसे लॉटरी ही लग जाएगी। प्रेम सम्बन्ध वैवाहिक जीवन में परिवर्तित हो सकता है। सोच इस समय सकारात्मक दिशा में रहेगी।

वृश्चिक- इस राशि के जातकों के लिए मां के स्वास्थ्य की समस्या उत्पन्न कर सकता है या परिस्थितिवश मां से या अपने घर से दूरी बन सकती है। परन्तु इसके अलावा यह अन्य मामलों में बेहद सुखद रहेगा. सुख-सुविधाओं की प्राप्ति होगी. जमीन-जायदाद से सम्बंधित कार्य संपन्ना होने का योग बनेगा।

धनु- इस राशि के जातकों के शुक्र के इस राशि परिवर्तन के कारण अपने भाई-बहनों से संबंध प्रगाढ़ होंगे. करीबी और प्रिय मित्रों से मुलाकात होगी। इस समय आपका पराक्रम बहुत बढ़ा-चढ़ा रहेगा तथा भाग्य भी खूब साथ देगा इस समय। धन के मामले में यह समय मध्यम कहा जा सकता है लेकिन यदि धन सम्बन्धी कोई समस्या होगी तो उसे आप अपने पराक्रम के बल पर सुलझाने में सफल होंगे।

मकर- इस राशि वालों के लिए शुक्र अभी बेहद सहयोगी बने हुए हैं, इसके परिणाम स्वरूप आय में खूब वृद्धि होगी. वाणी ओजस्वी और प्रभावशाली रहेगी तथा इस समय आप अपनी वाक्पटुता के बल पर अपने बहुत से काम निकालने में समर्थ होंगे। कार्य-व्यापार के लिए बेहद उपयुक्त समय है।

कुंभ- इस राशि वालों को इस परिवर्तन से बेहद सुख का अनुभव होगा। जीवन साथी से प्रेम में प्रगाढ़ता आएगी. लेकिन यदि कुंडली में भी शुक्र और मंगल की युति है तो इस समय कामुकता भी चरम पर होगी। कुछ लोग अति व्यसन का शिकार हो सकते हैं अत: अपनी इच्‍छाओं पर थोड़ा अंकुश रखें। पारिवारिक सुख के लिए सहयोगी समय है।

मीन- इस राशि वालों के लिए यह गोचर परिवर्तन व्यक्तिगत प्रसन्नता के लिए, घूमने-फिरने के लिए तथा मौज-मस्ती के लिए खूब सुन्दर है। लेकिन मौज-मस्ती के साथ आपको अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने की आवश्यकता भी पड़ेगी। शत्रु परास्त होंगे।

इस दौरान यह करें

शुक्र से सम्बन्धी दान जैसे - चावल, दही, दूध, सफेद वस्त्र इत्यादि का करें।

अपने निवास तथा कार्य स्थल को स्वच्‍छ रखें तथा नियमित स्‍वच्‍छ वस्त्र धारण करें।

स्त्री जातकों को प्रसन्न रखें। शुक्र के कारण यदि बीमारी, बदनामी इत्यादि का भय हो तो शुक्र की वैदिक रीति से शांति कराएं।

अन्य किसी जानकारी, समस्या समाधान, कुंडली विश्लेषण हेतु सम्पर्क कर सकते हैं।

।।जय श्री राम।।

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