सुख -समृद्धि और हानि रोकने का उपाय
दोस्तों,
साल के अंतिम पड़ाव में बहुत ही सुंदर और सरल उपाय है, जिसके करने से आप अपना अगला वर्ष सफल बना सकते हैं, मनोकामना की पूर्ति कर सकते हैं और भय, दुर्घटना, चोरी आदि से बचाव कर सकते हैं।
इसके लिए आज शाम को सूर्यास्त से रात्रि तक जब भी समय मिले ये दोनों उपाय कर लीजिए।
ये उपाय आज करिए और फिर पूर्णिमा यानि 3 जनवरी 2026 को पुनः करिए।
मात्र 2 बार के करने में ही आपको अद्भुद लाभ होगा।
आज पौष मास शुक्ल पक्ष अष्टमी है और आज से शाकंभरी नवरात्रि शुरू हो रही है जो पूर्णिमा तक चलेगी।
इसके लिए आज शाम पहले अपने घर के मंदिर में ही पहले माता शाकंभरी का पूजन करें।
दुर्गा माता की मूर्ति या फोटो को भी माता शाकंभरी के रूप में पूज सकते हैं।
सबसे पहले देवी का कुमकुम अक्षत, दीप, धूप, फूल आदि ए पूजन करें। घी और तेल दोनो ही दीपक जलाएं।
फिर नीचे लिखे मंत्र से एक एक कर देवी को सब्जी और फल भोग के रूप में अर्पित करें।
ॐ शाकंभरी नील वर्णा नीलोत्पल विलोचना।
मुष्टिं शिली मुखा पूर्ण कमलं कमलालया॥:
(लौकी, कद्दू, पेठा, शकरकंद और कोई हरी साग सब्जी, साथ ही जो भी फल उपलब्ध हों केला पपीता संतरा सेब आदि)
हर चीज़ अर्पित करते हुए ऊपर दिए मंत्र को एक बार अवश्य पढ़ें
उसके बाद एक पान के पत्ते पर सिंदूर से एक उल्टा त्रिकोण बनाएं और उसके बीच में एक बिंदी लगाएं, उसके ऊपर एक तेल का दीपक जलाएं और पांच बताशे और पांच लौंग रखें।
फिर नीचे दिए मंत्र का यथासंभव अधिकाधिक जप करें।
ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं भगवति शाकंभरी देव्यै नमः॥
या
ॐ सौः क्लीं ह्रीं शाकम्भर्यै नमः ॐ।।
इसके बाद घर के पास किसी पीपल के पेड़ के नीचे यदि पेड़ चौराहे या मन्दिर पे हो तो और भी अच्छा।
एक पान के पत्ते पे सीधा त्रिकोण बनाएं, बीच में बिंदी लगाएं और इस पर भी तेल का दीपक जलाएं, 5 बताशे और 5 लौंग रखें, फिर मंत्र जप करें
ॐ काल भैरवाय नमः
ॐ कुल भैरवाय नमः
ॐ क्षेत्रपाल भैरवाय नमः
ॐ लोकपाल भैरवाय नमः
ॐ दिकपाल भैरवाय नमः
फिर जो भी आपको भय हो या हानि हो रही है उसे रोकने उससे बचाव की प्रार्थना कर प्रणाम कर लौट आएं।
इसके बाद एक बार पुनः ये प्रयोग 3 जनवरी पूर्णिमा की शाम करें और इसके लाभ आप स्वयं अतिशीघ्र अनुभव करेंगे।
।।जय श्री राम।।
फोटो में पत्ते और सामग्री पे दिमाग न लगाएं AI से बनाया हुआ है सिर्फ समझाने के उद्देश्य से