मौनी अमावस्या 11 फरवरी 2021
पितृ पूजन-शांति का विशेष योग
सामान्यतः माघ अमावस्या को उत्तराषाढा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा और पूर्वाभाद्रपद में से किसी एक नक्षत्र का योग रहता है। इस वर्ष श्रवण नक्षत्र (प्रातः) और धनिष्ठा नक्षत्र (अपराह्न) का योग है।
माघ अमावस्या को श्रवण नक्षत्र, रविवार, व्यतिपात योग में अद्भ्धोंदय योग बनता है जो अतिदुर्लभ है।
"माघेमासि आमावस्या यदि अर्कयुता भवेत्।
नक्षत्रे श्रवणे देवि! व्यतीपातो भवेद्यदा।
अद्द्धोदयः स विज्ञेयः सूर्य्यपर्वशतैःसमः।
दिवैव योगः शस्तोऽयं न च रात्रौ कदाचन।
अद्भ्धोदये तु सम्प्राप्ते सर्वं गङ्गासमं जलम्।
शुद्धात्मानो द्विजाः सर्वे भवेयुर्ब्रह्मसस्मिताः।
यत् किञ्चित् क्रियते दानम् तद्दानं सेतुसन्निभमिति” निर्णयामृत
स्कन्दपुराण, नारदपुराण, पद्मपुराण में अद्धा महात्म्य का विशेष वर्णन मिलता है।
जो पुरुष देवताओं एवं पितृगण को तृप्त करना चाहते हैं उनके लिये धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद अथवा शतभिषा नक्षत्र से युक्त अमावस्या अत्यन्त दुर्लभ हैं ऐसा वर्णन विष्णु पुराण, तृतीयांश अध्याय १४ में प्राप्त होता है।
वासवाजैकपादः पितृणां तृप्तिमिच्छताम्।
वारुणे वाप्यमावास्या देवानामपि दुर्लभा।। ९
साथ ही माघ अमावस्या को धनिष्ठा नक्षत्र के साथ संयोग के विषय में लिखा है
काले धनिष्ठा यदि नाम तस्मिन्भवेत्तु भूपाल तदा पितृभ्यः।
दत्तं जलान्नं प्रददाति तृप्तिं वर्षायुतं तत्कुलजैर्मनुष्यैः
।।१६।।
यदि माघ मास की अमावस्या का धनिष्ठा नक्षत्र से योग हो जाये तो उस समय अपने कुल में उत्पन्न पुरुष द्वारा दिये हुए अन्न एवं जल से पितृगण दस हजार वर्ष के लिये तृप्त हो जाते है।
उपाय :-
1. पितरों को जल तर्पण करें
2. पितृ शांति हेतु पिंडदान करें
3. ब्राह्मणों/ जरूरतमंदों को भोजन कराएं वस्त्र दें
4. पीपल में जल चढ़ाएं और दीपक जलाएं
5. गाय को भोजन दें
6. पितृ सूक्त- स्तोत्र का पाठ करें
7. श्रीमद्भागवत पुराण का पाठ करें या कराएं
अन्य किसी जानकारी, समस्या समाधान अथवा कुंडली विश्लेषण हेतु सम्पर्क कर सकते हैं
।।जय श्री राम।।
Abhishek B. Pandey
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