धनतेरस 2017 का विशेष उपाय
धन प्राप्ति के लिए सबसे आसान और अचूक उपाय
मित्रों
धन तेरस यानी धन त्रयोदशी और लक्ष्मी पूजा बिना शिव के पूर्ण नहीं होता।
उस पर आज भौम प्रदोष है यानी मंगलवार को धनतेरस के होना एक अति लाभदायक संयोग।
ये बेहद सरल और सबसे अचूक उपाय है जो न सिर्फ अचानक धन प्राप्ति करवाता है बल्कि लगातार यहां वहां से धन प्रबन्ध करता करवाता रहता है।
ये प्राचीन , परम्परागत और अनगिनत लोगों का आजमाया हुआ प्रयोग है
इसके लिए बाज़ार से दो कमल के पुष्प , दो बिल्व यानि बेल के फल और कुछ बिल्व पत्र ले आएं।
माह की दोनों प्रदोष यानि त्रयोदशी तिथि पर जो आज भी है प्रदोष काल यानि शाम में भगवान शिव का जल से अभिषेक करें।
फिर भगवान शिव को बेल पत्र, कमल पुष्प और बेल फल चढ़ाएं, धूप दीप से पूजन कर खीर से भोग लगाएं।
शिव पञ्चाक्षरी मन्त्र का जप करें।
ॐ नमः शिवाय
फिर इसी प्रकार माँ महालक्ष्मी का भी धूप दीप से पूजन करें, कमल पुष्प , अर्पित कर बिल्व फल अर्पित करें और खीर का भोग लगाएं।
माँ महालक्ष्मी के मन्त्र का जप करें।
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नमः।
जप जितने अधिक करेंगे उतना ही उत्तम और शीघ्र फल मिलेगा।
4 से 5 त्रयोदशी होते होते स्वयं इस पूजन का लाभ देख लेंगे।
सभी सामग्रियाँ सहजता से उपलब्ध हो जाती हैं।
इस उपाय का तांत्रिक रहस्य है। कम से कम 5 प्रदोष अवश्य करें । क्योंकि जब लाभ होने लगेगा तो आप स्वतः हर प्रदोष ये स्वयं करने लगेंगे।
अन्य किसी जानकारी, समस्या समाधान और कुंडली विश्लेषण हेतु सम्पर्क कर सकते हैं।
।।जय श्री राम।।
7579400465
8909521616(whats app)
For more easy and useful remedies visit:- http://jyotish-tantra.blogspot.in
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उस पर आज भौम प्रदोष है यानी मंगलवार को धनतेरस के होना एक अति लाभदायक संयोग।
ये बेहद सरल और सबसे अचूक उपाय है जो न सिर्फ अचानक धन प्राप्ति करवाता है बल्कि लगातार यहां वहां से धन प्रबन्ध करता करवाता रहता है।
ये प्राचीन , परम्परागत और अनगिनत लोगों का आजमाया हुआ प्रयोग है
इसके लिए बाज़ार से दो कमल के पुष्प , दो बिल्व यानि बेल के फल और कुछ बिल्व पत्र ले आएं।
माह की दोनों प्रदोष यानि त्रयोदशी तिथि पर जो आज भी है प्रदोष काल यानि शाम में भगवान शिव का जल से अभिषेक करें।
फिर भगवान शिव को बेल पत्र, कमल पुष्प और बेल फल चढ़ाएं, धूप दीप से पूजन कर खीर से भोग लगाएं।
शिव पञ्चाक्षरी मन्त्र का जप करें।
ॐ नमः शिवाय
फिर इसी प्रकार माँ महालक्ष्मी का भी धूप दीप से पूजन करें, कमल पुष्प , अर्पित कर बिल्व फल अर्पित करें और खीर का भोग लगाएं।
माँ महालक्ष्मी के मन्त्र का जप करें।
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नमः।
जप जितने अधिक करेंगे उतना ही उत्तम और शीघ्र फल मिलेगा।
4 से 5 त्रयोदशी होते होते स्वयं इस पूजन का लाभ देख लेंगे।
सभी सामग्रियाँ सहजता से उपलब्ध हो जाती हैं।
इस उपाय का तांत्रिक रहस्य है। कम से कम 5 प्रदोष अवश्य करें । क्योंकि जब लाभ होने लगेगा तो आप स्वतः हर प्रदोष ये स्वयं करने लगेंगे।
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