Black Gunja Mala काली गुंजा माला
**दुर्लभ काली गुंजा के कुछ प्रयोग:
1• काली गुंजा की विशेषता है कि जिस व्यक्ति के पास होती है, उस पर मुसीबत पड़ने पर इसका रंग स्वतः ही बदलने लगता है ।
2• दिवाली के दिन अपने गल्ले के नीचे काली गुंजा जंगली बेल के दाने डालने से व्यवसाय में हो रही हानि रूक जाती है।
3• दिवाली की रात घर के मुख्य दरवाज़े पर सरसों के तेल का दीपक जला कर उसमें काली गुंजा के 2-4 दाने डाल दें। ऐसा करने पर घर सुरक्षित और समृद्ध रहता है।
4• होलिका दहन से पूर्व पांच काली गुंजा लेकर होली की पांच परिक्रमा लगाकर अंत में होलिका की ओर पीठ करके पाँचों गुन्जाओं को सिर के ऊपर से पांच बार उतारकर सिर के ऊपर से होली में फेंक दें।
5• काली गुंजा की माला धारण करने से सर्वजन वशीकरण होता है। जिन लोगों को अधिक लोगों को संबोधित करना होता है या मिलना होता है उनके लिए अत्यंत लाभदायक है जैसे कथा वाचक, नेता, सेल्स या LIC एजेंट इत्यादि।
6• यदि आपकी दुकान या प्रतिष्ठान में कोई बार बार जादू टोना करता है या नज़र लगाता है और आपकी बिक्री घट जाती है तो प्रतिष्ठान की दक्षिणी दीवार पर 3 लोहे की कीलों की मदद से उलटे त्रिकोण के आकार में काली गुंजा की माला लटकाये और उसके बीच में "क्लीं" बीज मंत्र लाल सिंदूर से लिख दें।
7• घर से अलक्ष्मी दूर करने का लघु प्रयोग-
ध्यानमंत्र :
ॐ तप्त-स्वर्णनिभांशशांक-मुकुटा रत्नप्रभा-भासुरीं ।
नानावस्त्र-विभूषितां त्रिनयनां गौरी-रमाभ्यं युताम् ।
दर्वी-हाटक-भाजनं च दधतीं रम्योच्चपीनस्तनीम् ।
नित्यं तां शिवमाकलय्य मुदितां ध्याये अन्नपूर्णश्वरीम् ॥
मन्त्र :
ॐ ह्रीम् श्रीम् क्लीं नमो भगवति माहेश्वरि मामाभिमतमन्नं देहि-देहि अन्नपूर्णों स्वाहा ।
विधि :
जब रविवार या गुरुवार को पुष्प नक्षत्र हो या नवरात्र में अष्टमी के दिन या दीपावली की रात्रि या अन्य किसी शुभ दिन से इस मंत्र की एक माला रुद्राक्ष माला से नित्य जाप करें । जाप से पूर्व भगवान श्रीगणेश जी का ध्यान करें तथा भगवान शिव का ध्यान कर नीचे दिये ध्यान मंत्र से माता अन्नपूर्णा का ध्यान करें ।
इस मंत्र का जाप दुकान में गल्ले में सात काली गुंजा के दाने रखकर शुद्ध आसन, (कम्बल आसन, या साफ जाजीम आदि ) पर बैठकर किया जाए तो व्यापार में आश्चर्यजनक लाभ महसूस होने गेगा ।
8• कष्टों से छुटकारे हेतु
यदि संपूर्ण दवाओं एवं डाक्टर के इलाज के बावजूद भी यदि घुटनों और पैरों का दर्द दूर नहीं हो रहा हो तो रवि पुष्य नक्षत्र, शनिवार या शनि आमवस्या के दिन यह उपाय करें। प्रात:काल नित्यक्रम से निवृत हो स्नानोपरांत लोहे की कटोरी में श्रद्धानुसार सरसों का तेल भरें। 7 चुटकी काले तिल, 7 लोहे की कील और 7 लाल और 7 काली गुंजा उसमें डाल दें। तेल में अपना मुंह देखने के बाद अपने ऊपर से 7 बार उल्टा उसारकर पीपल के पेड़ के नीचे इस तेल का दीपक जला दें 21 परिक्रमा करें और वहीं बैठकर 108 बार
ऊँ शं विधिरुपाय नम:।।
इस मंत्र का जाप करें। ऐसा 11 शनिवार करें। कष्टों से छुटकारा मिलेगा।
9• ऊपरी बाधा से पीड़ित व्यक्ति को ये माला पहनाना चाहिए, जब माला के रंग में परिवर्तन दिखे तो उतार कर नदी में बहा दें या श्मशान में गाड़ दें। व्यक्ति में सुधार दिखने लगेगा।
10
• बड़ी उम्र के जो लोग स्वप्न में डरते हैं या जिन्हें अक्सर ये लगता है की कोई उनका गला दबा रहा है उन्हें इसकी माला या ब्रेसलेट पहनना चाहिए।
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।।जय श्री राम।।
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