धन प्राप्ति और कर्ज मुक्ति हेतु आम का बाँदा
वनस्पति तंत्र
तांत्रिक जड़ी-बूटियां भाग -12
मित्रों,
जैसा की पिछले कई वर्षों से अपने विभिन्न लेखों के माध्यम से मैं आपको वनस्पति तंत्र और इनके विशिष्ट प्रयोगों के विषय में बताता आया हूँ। जैसे की हत्थाजोड़ी, काली हल्दी, एकाक्षी नारियल, सहदेवी, बेर का बाँदा, गुंजा, काकजंघा, हरसिंगार, शमी इत्यादि।
इनके अतिरिक्त विभिन्न बाँदो के विषय में भी लेख लिखा था और लोग इनपर अक्सर जानकारी लेने हेतु सम्पर्क करते रहते हैं तो आज सर्व प्रथम आम के बांदे से ही शुरुआत करते हैं।
मित्रों, अधकचरी जानकारी वाले फेसबुकिया तांत्रिक और गूगल गुरु के सिद्ध साधक बांदे के विषय में ये बता देते हैं कि पेड़ पर पेड़ उग गया तो बाँदा हो गया जो की बिलकुल गलत है। यदि ऐसा होता तो बांदे का इतना महत्व न् होता। ऐसे पेड़ तो आपके गली मोहल्ले या पास के पार्क या खेत में कई जगह मिल जायेंगे।
बाँदा स्वयं में एक विशिष्ट प्रजाति की वनस्पति है जो सर्वथा अलग है और बेहद दुर्लभता से मिलती है।
भारतीय तंत्र ज्ञानी इसका सैकडों वर्षों से विभिन्न सिद्धियों और कार्य साधने हेतु प्रयोग करते आये हैं।
वहीं अब पश्चिमी विज्ञानी भी विभिन्न शारीरिक रोगों हेतु इस पर रिसर्च कर रहे हैं। अल्ज़ाइमर, मिर्गी, याददाश्त बढ़ाने से लेकर हृदय रोग और ट्यूमर तक का इलाज बांदे में खोजा जा रहा है और इस खोज के शुरुआती नतीजे काफी अच्छे और उत्साहवर्धक हैं।
वैसे सिर्फ बांदे पर ही 4 पेज का विस्तृत लेख लिख सकता हूँ, उसकी वैज्ञानिक एनेटॉमी, फिजियोलॉजी और पहचान पर
साथ ही तांत्रिक रूप से उनके भेद और उस भेद अनुसार उपयोग पर किंतु फिर ये शीघ्र ही नकलचियों के नाम पेटेंट हो जायेगा इसलिए ऊपर दी जानकारी पर्याप्त है।
किसी भी बांदे को प्राप्त करना इतना सरल नहीं है ये एक मेहनत भरा काम है क्योंकि सर्वप्रथम सही बांदे की पहचान, फिर उचित नक्षत्र, मुहूर्त तक उसकी प्राप्ति का इंतज़ार, फिर विधि पूर्वक प्राप्त करना और कार्यानुरूप उसे सिध्द करना।
अब बात करते हैं आम के बांदे की:-
आम के बांदे को कई अवसरों पर निकाला जा सकता है जैसे रवि-पुष्य नक्षत्र में, उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र में, मृगशिरा नक्षत्र में और दीपावली
जिस दिन बाँदा प्राप्त करना हो उससे एक दिन पूर्व संध्या काल में जाकर जल, रोली और मिठाई आदि से उक्त बांदे को निमंत्रण देकर आएं।
अगले दिन प्रातः सूर्योदय से पूर्व स्नानादि से निवृत्त हो ब्रह्ममुहूर्त में जाकर पुनः उक्त वृक्ष का गन्धाक्षत और मिष्ठान्न से पूजन करें ।
पूजन के समय लगातार (गुप्त) मन्त्र जप करते रहें।
फिर समस्त वस्त्रों को त्याग कर अर्थात नग्न होकर वृक्ष से आज्ञा लेकर उस पर चढ़ें और खैर की लकड़ी की बनी 9 अंगुल प्रमाण की कील से उक्त बांदे को निकाल लें या आवश्यकता अनुसार हिस्सा हाथ से तोड़ लें।
फिर उसे घर लाकर उसका विधिवत पंचोपचार पूजन करें । फिर भोजपत्र पर श्रीमाया यंत्र का अष्टगन्ध की स्याही से अनार की कलम से निर्माण करें और दोनों को गुग्गुल की धूप देते हुए निम्न मंत्र का कम से कम 5 माला जप करें।
*मन्त्र पुनः गुप्त रखा है।*
फिर विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें और बांदे को यंत्र में लपेट कर किसी लाल वस्त्र में लपेट कर भुजा में धारण करें अथवा अपने मंदिर में ही स्थापित कर नित्य पूजन करें।
तंत्र विद्वानों के अनुसार:-
ऐसा करने से लक्ष्मी निरन्तर प्राप्त होती रहती है और अक्षय रहती है।
यदि कर्ज में डूबे हैं तो इसके प्रयोग से लक्ष्मी प्राप्त कर कर्ज मुक्त और लक्ष्मीवान हो जायेंगे।
आम के बांदे के कुछ अन्य प्रयोग:-
1. भूमिगत धन हेतु:-
आम के बांदे को प्राप्त कर इष्ट मन्त्र से सवा लाख जप से सिद्ध किया जाये और फिर उसका तिलक किया जाये तो गुप्त धन, भूमिगत धन/गड़ा हुआ धन देखने की शक्ति / सिद्धि मिलती है।
( कुछ विद्वानों अनुसार भूमिगत धन प्राप्त होता है।
कुछ विद्वान इसके साथ गोखरू और शाखोट के प्रयोग की भी विधि कहते हैं।)
2. दाम्पत्य सुख हेतु:-
उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र में प्राप्त आम के बांदे को प्राप्त या धारण करने से दाम्पत्य जीवन मधुर रहता है और पति पत्नी में कभी मनमुटाव नहीं होता।
3. पति पत्नी से मनमुटाव समाप्ति हेतु:-
आम के बांदे और गौरी शंकर रुद्राक्ष को धारण करने से जीवन साथी से लंबे समय से चला आ रहा मनमुटाव समाप्त होता है। तलाक तक आ गयी नौबत भी ईश्वर कृपा से टल जाती है।
4. सुख समृद्धि हेतु:-
दीपावली पर इसका पूजन कर तिजोरी में रखने से धन और समृद्धि में दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की होती है।
5. शत्रुओं से विजय हेतु:-
आम का बाँदा धारण करने से व्यक्ति शत्रुओं को परास्त कर देता है और अजेय बन जाता है।
मित्रों, पहली बार मैं अपनी किसी पोस्ट में मंत्र नहीं लिख रहा हूँ ये मेरे लिए भी अजीब है किंतु इन नकलची बंदरों के लिए अन्य कोई उपाय नहीं है।
अन्य किसी जानकारी, समस्या समाधान और कुंडली विश्लेषण हेतु सम्पर्क कर सकते हैं।
।।जय श्री राम।।
7579400465
8909521616 ( whats app)
For more easy & useful remedies please visit: http://jyotish-tantra.blogspot.in
वनस्पति तंत्र
तांत्रिक जड़ी-बूटियां भाग -12
मित्रों,
जैसा की पिछले कई वर्षों से अपने विभिन्न लेखों के माध्यम से मैं आपको वनस्पति तंत्र और इनके विशिष्ट प्रयोगों के विषय में बताता आया हूँ। जैसे की हत्थाजोड़ी, काली हल्दी, एकाक्षी नारियल, सहदेवी, बेर का बाँदा, गुंजा, काकजंघा, हरसिंगार, शमी इत्यादि।
इनके अतिरिक्त विभिन्न बाँदो के विषय में भी लेख लिखा था और लोग इनपर अक्सर जानकारी लेने हेतु सम्पर्क करते रहते हैं तो आज सर्व प्रथम आम के बांदे से ही शुरुआत करते हैं।
मित्रों, अधकचरी जानकारी वाले फेसबुकिया तांत्रिक और गूगल गुरु के सिद्ध साधक बांदे के विषय में ये बता देते हैं कि पेड़ पर पेड़ उग गया तो बाँदा हो गया जो की बिलकुल गलत है। यदि ऐसा होता तो बांदे का इतना महत्व न् होता। ऐसे पेड़ तो आपके गली मोहल्ले या पास के पार्क या खेत में कई जगह मिल जायेंगे।
बाँदा स्वयं में एक विशिष्ट प्रजाति की वनस्पति है जो सर्वथा अलग है और बेहद दुर्लभता से मिलती है।
भारतीय तंत्र ज्ञानी इसका सैकडों वर्षों से विभिन्न सिद्धियों और कार्य साधने हेतु प्रयोग करते आये हैं।
वहीं अब पश्चिमी विज्ञानी भी विभिन्न शारीरिक रोगों हेतु इस पर रिसर्च कर रहे हैं। अल्ज़ाइमर, मिर्गी, याददाश्त बढ़ाने से लेकर हृदय रोग और ट्यूमर तक का इलाज बांदे में खोजा जा रहा है और इस खोज के शुरुआती नतीजे काफी अच्छे और उत्साहवर्धक हैं।
वैसे सिर्फ बांदे पर ही 4 पेज का विस्तृत लेख लिख सकता हूँ, उसकी वैज्ञानिक एनेटॉमी, फिजियोलॉजी और पहचान पर
साथ ही तांत्रिक रूप से उनके भेद और उस भेद अनुसार उपयोग पर किंतु फिर ये शीघ्र ही नकलचियों के नाम पेटेंट हो जायेगा इसलिए ऊपर दी जानकारी पर्याप्त है।
किसी भी बांदे को प्राप्त करना इतना सरल नहीं है ये एक मेहनत भरा काम है क्योंकि सर्वप्रथम सही बांदे की पहचान, फिर उचित नक्षत्र, मुहूर्त तक उसकी प्राप्ति का इंतज़ार, फिर विधि पूर्वक प्राप्त करना और कार्यानुरूप उसे सिध्द करना।
अब बात करते हैं आम के बांदे की:-
आम के बांदे को कई अवसरों पर निकाला जा सकता है जैसे रवि-पुष्य नक्षत्र में, उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र में, मृगशिरा नक्षत्र में और दीपावली
जिस दिन बाँदा प्राप्त करना हो उससे एक दिन पूर्व संध्या काल में जाकर जल, रोली और मिठाई आदि से उक्त बांदे को निमंत्रण देकर आएं।
अगले दिन प्रातः सूर्योदय से पूर्व स्नानादि से निवृत्त हो ब्रह्ममुहूर्त में जाकर पुनः उक्त वृक्ष का गन्धाक्षत और मिष्ठान्न से पूजन करें ।
पूजन के समय लगातार (गुप्त) मन्त्र जप करते रहें।
फिर समस्त वस्त्रों को त्याग कर अर्थात नग्न होकर वृक्ष से आज्ञा लेकर उस पर चढ़ें और खैर की लकड़ी की बनी 9 अंगुल प्रमाण की कील से उक्त बांदे को निकाल लें या आवश्यकता अनुसार हिस्सा हाथ से तोड़ लें।
फिर उसे घर लाकर उसका विधिवत पंचोपचार पूजन करें । फिर भोजपत्र पर श्रीमाया यंत्र का अष्टगन्ध की स्याही से अनार की कलम से निर्माण करें और दोनों को गुग्गुल की धूप देते हुए निम्न मंत्र का कम से कम 5 माला जप करें।
*मन्त्र पुनः गुप्त रखा है।*
फिर विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें और बांदे को यंत्र में लपेट कर किसी लाल वस्त्र में लपेट कर भुजा में धारण करें अथवा अपने मंदिर में ही स्थापित कर नित्य पूजन करें।
तंत्र विद्वानों के अनुसार:-
ऐसा करने से लक्ष्मी निरन्तर प्राप्त होती रहती है और अक्षय रहती है।
यदि कर्ज में डूबे हैं तो इसके प्रयोग से लक्ष्मी प्राप्त कर कर्ज मुक्त और लक्ष्मीवान हो जायेंगे।
आम के बांदे के कुछ अन्य प्रयोग:-
1. भूमिगत धन हेतु:-
आम के बांदे को प्राप्त कर इष्ट मन्त्र से सवा लाख जप से सिद्ध किया जाये और फिर उसका तिलक किया जाये तो गुप्त धन, भूमिगत धन/गड़ा हुआ धन देखने की शक्ति / सिद्धि मिलती है।
( कुछ विद्वानों अनुसार भूमिगत धन प्राप्त होता है।
कुछ विद्वान इसके साथ गोखरू और शाखोट के प्रयोग की भी विधि कहते हैं।)
2. दाम्पत्य सुख हेतु:-
उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र में प्राप्त आम के बांदे को प्राप्त या धारण करने से दाम्पत्य जीवन मधुर रहता है और पति पत्नी में कभी मनमुटाव नहीं होता।
3. पति पत्नी से मनमुटाव समाप्ति हेतु:-
आम के बांदे और गौरी शंकर रुद्राक्ष को धारण करने से जीवन साथी से लंबे समय से चला आ रहा मनमुटाव समाप्त होता है। तलाक तक आ गयी नौबत भी ईश्वर कृपा से टल जाती है।
4. सुख समृद्धि हेतु:-
दीपावली पर इसका पूजन कर तिजोरी में रखने से धन और समृद्धि में दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की होती है।
5. शत्रुओं से विजय हेतु:-
आम का बाँदा धारण करने से व्यक्ति शत्रुओं को परास्त कर देता है और अजेय बन जाता है।
मित्रों, पहली बार मैं अपनी किसी पोस्ट में मंत्र नहीं लिख रहा हूँ ये मेरे लिए भी अजीब है किंतु इन नकलची बंदरों के लिए अन्य कोई उपाय नहीं है।
अन्य किसी जानकारी, समस्या समाधान और कुंडली विश्लेषण हेतु सम्पर्क कर सकते हैं।
।।जय श्री राम।।
7579400465
8909521616 ( whats app)
For more easy & useful remedies please visit: http://jyotish-tantra.blogspot.in
No comments:
Post a Comment