Pages

Friday, 3 June 2016

Shani Jsyanti 2016 शनि जयंती 2016

शनि जयंती विशेष 2016
शुभ अशुभ शनि हेतु उपाय

सभी मित्रों को शनि जयंती की शुभकामनायें

इस वर्ष शनि जयंती पर थोडा मतभेद है  शनिवार को अमावस्या प्रातः 10:39 से रविवार प्रातः 8:26 तक रहेगी। शनिपूजन सांय काल ही होता है इसलिए आज करना ही उचित होगा । उदयतिथि के मत से मानने पर शनि जयंती कल रविवार 5 जून को मना सकते है।

पौराणिक धार्मिक ग्रंथों के अनुसार ज्येष्ठ मास की अमावस्या पर शनि का जन्म हुआ था। एक मान्यता के अनुसार भगवान शनिदेव का जन्म अपराह्न 12 बजे हुआ था। संयोग से इस बार शनि जयंती-शनि अमावस्या साथ है। अत: इस दिन शनिदेव का पूजन-अर्चना करना शुभ फलदायी रहेगा।  शनि की साढ़ेसाती व ढैया से प्रभावित लोगों को शनि महाराज को खुश करने के लिए दान-पुण्य के साथ-साथ उनके मंत्रों का जाप करना जरूरी है। खास तौर पर गरीबों को बांटे गए वस्त्र, कंबल, छत्री, असहायों को भोजन कराना, इमरती खिलाना, दान दक्षिणा देने जैसे कार्य करने से शनि की दृष्टि से प्रभावित भक्तों के कष्ट दूर होकर उन्हें सुख के अवसर प्राप्त होते हैं।

शनि शान्ति के उपाय:-

यदि शनि विपरीत फल दे रहा है या कष्टकारी है या आप शनि की महादशा अंतर्दशा ढैय्या या साढ़े साती में हैं तो निम्न उपाय लाभ प्रद होंगे

1- राजा दशरथ विरचित शनि स्तोत्र का नित्य पाठ करें।

 2- शनि मंदिर या चित्र पूजन कर प्रतिदिन इस मंत्र का पाठ करें:-
नमस्ते कोण संस्थाय, पिंगलाय नमोस्तुते। नमस्ते वभु्ररूपाय, कृष्णाय च नमोस्तुते ।।
नमस्ते रौद्रदेहाय, नमस्ते चांतकाय च। नमस्ते यमसंज्ञाय, नमस्ते सौरये विभौ।।
नमस्ते मंदसंज्ञाय, शनैश्चर नमोस्तुते। प्रसादं कुरू में देवेश, दीनस्य प्रणतस्य च।।

3- घर में पारद, स्फटिक या नर्मदेश्वर शिवलिंग स्थापित कर विधानपूर्वक पूजा अर्चना कर, रूद्राक्ष की माला से महामृत्युंजय मंत्र का जप करना चाहिए।

4- सुंदरकाण्ड का पाठ एवं हनुमान उपासना, संकटमोचन का पाठ करें।

5- प्रति शनिवार , शनि अमावस्या शनि जयंती पर, शनि मंदिर जाकर, शनिदेव का अभिषेक कर दर्शन करें।

6- ऊँ प्रां प्रीं प्रौं स: शनिश्चराय नम: के 23,000 जप करें फिर 27 दिन तक शनि स्तोत्र के चार पाठ रोज करें।

7- शनिवार को सायंकाल पीपल के पेड के नीचे  तेल का दीपक जलाएं।

8- घर के मुख्य द्वार पर, काले घोडे की नाल, शनिवार के दिन लगावें।

9- काले तिल, ऊनी वस्त्र, कंबल, चमडे के जूते, काला छाता, तिल का तेल, उडद, लोहा, काली गाय, भैंस, कस्तूरी, स्वर्ण, तांबा आदि का दान करें।

10-घोडे की नाल अथवा नाव की कील का छल्ला बनवाकर मघ्यमा अंगुली में पहनें।

11- कडवे तेल में परछाई देखकर, उसे अपने ऊपर सात बार उसारकर दान करें, पहना हुआ वस्त्र भी दान दे दें ।

12- ध्यान रहे की शनि विग्रह के चरणों का दर्शन करें, मुख के दर्शन से बचें। जिससे उनकी दृष्टि आप पर न पड़े।

13- शनि देव को तेल का स्नान भी पीछे या बगल में खड़े होक कराएं सामने से नहीं।

14- शनिवार को श्मशान घाट में लकड़ी दान करें

15- सात शनिवार सरसों का तेल सारे शरीर में लगाकर और मालिश करके साबुन लगााकर नहाएं

16- शनिवार को शनि ग्रह की वस्तुएं न दान में लें और न ही बाजार से खरीदें।

17- मीट मांस शराब तथा सिगरेट का प्रयोग न करें।

18- सात प्रकार के धानों का दान तथा शनिवार को प्रातः पीपल का पूजन करें।

19- बिच्छु की जड़  की जड़ का पूजन कर अभिमंत्रित कर काले कपड़े में बाँधकर श्रवण नक्षत्र में विधि पूर्वक धारण करने से शनि दोष क्षीण होता है।

20- शनिव्रत : श्रावण मास के शुक्ल पक्ष से, शनिव्रत आरंभ करें, 33 व्रत करने चाहिएँ, तत्पश्चात् उद्यापन करके, दान करे

21- झूठ बोलने और धोखाधड़ी करने से बचें।

शुभ शनि के लिए उपाय:-

शुभ तथा सम शनि ग्रह के प्रभाव में वृद्धि करने के लिए निम्नलिखित उपाय करें।

1- शनिवार को नीलम रत्न धारण करें। नीलम रत्न चांदी अथवा लोहे की अंगूठी में मध्यमा अंगुली में धारण करना चाहिए। अंगूठी इस प्रकार बनवाएं कि नीलम नीचे से आपकी त्वचा को छूता रहे। नीलम धारण करने से पहले नीलम की अंगूठी अथवा लॉकेट को गंगा जल अथवा कच्चे दूध से धोकर सामने रखकर धूप-दीप आदि दिखाएं और कम से कम १०८ बार उपयुक्त शनि मन्त्र का जप करें। साथ में १०८ बार शिवजी के मंत्र ॐ नमः शिवाय का जाप कर लेना भी बहुत लाभदायक माना गया है।

2- शनि ग्रह से संबंधित वस्तुओं का उपयोग या व्यापार करें। शनि ग्रह से संबंधित वस्तुएं हैं :- लोहा, काली उड़द, काला तिल, कुलथी, तेल, भैंस काला कुत्ता, काला घोड़ा, काला कपड़ा, तथा लोहे से बने बर्तन व मशीनरी।

3- शनिवार को काले घोड़े की नाल की अंगूठी अथवा कड़ा धारण करे

4- शनिवार को पीपल में या शनि देव के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाए।

5- चारपाई अथवा बेड के चारों पायों में लोहे का एक-एक कील लगााएं।
मकान के चारों कोनों में लोहे का एक-एक कील लगाएं

6- घर में शमी का वृक्ष लगाएं और उसमे नित्य दीपक जलाएं। ये धन सौख्य देने वाला प्रयोग है।

7- सात मुखी, दस मुखी, ग्यारह मुखी, अथवा तेरह मुखी रुद्राक्ष धारण करें।

8- शिंगणापुर शनिदेव का एक बार दर्शन अवश्य करें

9- एक सूखा नारियल लेकर उसमें चाकू से छोटा सा गोल छेद काट लें। इस छेद से नारियल में गेहूं के आटे को भूनकर बनाई पंजीरी और बूरा तथा सम्भव हो तो थोडा पञ्चमेवा यानि बादाम, काजू, किशमिश, पिस्ता, अखरोट या छुआरा भी भरें। अब इसे पुनः बन्द कर किसी पीपल के पास भूमि के अन्दर इस प्रकार गाड़ दें की चीटियां आसानी से तलाश लें, किन्तु अन्य जानवर न पा सकें। घर लौटकर पैर धोकर घर में प्रवेश करें। इस प्रकार ८ शनिवार तक यह क्रिया सम्पन्न करें।

10- शिवलिंग पर कच्चा दूध चढावें व “अमोघ शिव कवच“ का पाठ करें।

11- काली गाय व काले कुत्ते को तेल से चुपड़ी रोटी, चने की दाल व गुड खिलाना लाभप्रद रहता है।

अन्य किसी जानकारी , कुंडली विश्लेषण और समस्या समाधान हेतु सम्पर्क कर सकते हैं।

।।जय श्री राम।।
अभिषेक पाण्डेय
नैनीताल
7479400465
8909521616(whats app)
7060202653

Dashrath krit Shani Stotra दशरथ कृत शनि स्तोत्र
http://jyotish-tantra.blogspot.com/2015/04/dashrath-krit-shani-stotra.html

शनि अमावस्या और शनि मन्त्र पर विशेष लेख/ Shani amavasya and special shani mantras
http://jyotish-tantra.blogspot.com/2014/11/blog-post_99.html

1 comment:


  1. Nice Post and Content.I like this very much the prediction given in this blog is better, in this blog all the problems related to marriages ,childless etc are shared. The one who has any of the problem can get his or her solution here .


    Top best and famous astrologer in chennai



    This is the simplest way to get overcome from your problems.

    ReplyDelete