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Thursday, 21 May 2015

Tantra for Lottery, share profitt, gambling ( Tantrik herbs )आकस्मिक / फंसा धन प्राप्ति प्रयोग(शेयर, लॉटरी, सट्टा एवम् प्रॉपर्टी में विशेष लाभदायक)

आकस्मिक धन प्राप्ति प्रयोग
(शेयर, लॉटरी, सट्टा एवम् प्रॉपर्टी में विशेष लाभदायक)
तांत्रिक जड़ीबूटियां भाग 4
मित्रों,
    वनस्पति तंत्र के ऐसे कई प्रयोग हैं जो अविश्वसनीय रूप से लाभ पहुंचाते हैं।
ऐसी ही एक अद्भुद तंत्रोक्त वनस्पति है
हरसिंगार यानि पारिजात।
विद्वतजनों के अनुसार पुराणों में कल्पवृक्ष के नाम से सम्बोधन पाने वाला वृक्ष पारिजात है।
हरसिंगार के बारे में पुराणों में वर्णन है की ये समुद्रमन्थन में प्रकट हुआ और इसकी अभूतपूर्व सुंदरता के कारण देवराज इंद्र इसे अपने साथ स्वर्ग ले गए और वहां इसका रोपण किया।
भगवान शिव को इसके पुष्प अति प्रिय हैं और इसके पुष्पों से उनका श्रृंगार होने के कारण ही इसे हर सिंगार कहते हैं।
एक अन्य कथा के अनुसार एक बार नारद ऋषि ने इसके फूल स्वर्ग से लाकर भगवान् कृष्ण की पत्नी सत्यभामा को दिए। इन पुष्पों की सुंदरता से अभिभूत सत्यभामा ने श्री कृष्ण से ये वृक्ष लाने की जिद की। वे इसे अपने प्रांगण में लगाना चाहती थीं। कृष्ण ने पहले इंद्र से माँगा पर जब उन्होंने मना किया तो वे स्वर्ग पर आक्रमण कर युद्ध में इंद्र को परास्त कर इसे ले आये।
समुद्रोत्प्नना होने के कारण ये माँ लक्ष्मी का सहोदर हुआ और इसलिए उन्हें अति प्रिय है।
ये वृक्ष हनुमान जी को भी अति प्रिय है और वर्णन है कि
आञ्जनेय मति पाटलालनं
काञ्चनाद्रिकमनीय विग्रहं
पारिजात तरु मूल वासिनं
भावयामि पवमान नन्दनम।।
इस वृक्ष का महात्म्य इसी से समझा जा सकता है की इसके पुष्पों को हाथ से नहीं तोडा जाता और तोड़ने पर देवकोप का भाजन बनना पड़ता है। वृक्ष के नीचे रात्रि में चादर बिछा दी जाती है और रात्रि में जो पुष्प उस पर स्वयं टूट कर गिरते हैं उनसे ही प्रातः भगवान् का श्रृंगार होता है।
जिस घर में ये वृक्ष मात्र लगा हो वहां कभी दरिद्रता नहीं आती।
जहाँ इसका नित्य पूजन होता है वो घर समृद्धिशाली होता है।
इसके नीचे विद्यार्जन यानि पठन पाठन करने से माँ सरस्वती का आशीर्वाद सदैव प्राप्त होता है।
यह पौधा चंद्र से संबंध रखता है। घर के बीचोबीच या घर के पिछले हिस्से में इसको लगाना लाभकारी होता है। इसकी सुगंध से मानसिक शांति मिलती है।आयुर्वेद में भी ये बेहद महत्वपूर्ण औषधि है।
ग्रामीण भाषा में इसे हडजोड़  भी कहते हैं ,क्योकि ग्रामीण क्षेत्रों में टूटी हुई हड्डी आदि को जोड़ने के लिए इसकी टहनियों को कुचलकर टूटी जगह लगाकर बांधने से हड्डी आपस में जुड़कर ठीक हो जाती है |
इसके अलावा गठिया में इसके पत्तों की चटनी खाने से लाभ होता है।
इसकी पत्तियों और बीज को तिल के तेल में पकाकर उस तेल की मालिश करने से गंजे के सर में भी बाल आ जाते हैं और ये प्रमाणिक प्रयोग है। बालों के टूटने झड़ने सफ़ेद होने से बचाने के लिए भी ये राम बाण प्रयोग है।
ऊपरी बाधा से ग्रसित व्यक्ति को इसका अभिमंत्रित मूल पहनाने से लाभ होता है।
इसके बहुत से तांत्रिक उपयोग हैं ,जैसे पारिवारिक कलह हटाने के लिए समृद्धि और सर्वत्र विजय के लिए।
आकस्मिक धन प्राप्ति हेतु प्रयोग
आकस्मिक धन प्राप्ति के लिए रवि पुष्य नक्षत्र में प्राप्त हर सिंगार की जड़ और श्वेत गूंजा के ग्यारह दाने और उसी नक्षत्र में निर्मित और अभिमंत्रित प्राण प्रतिष्ठित विजय लक्ष्मी यन्त्र चांदी के ताबीज में धारण करने से आकस्मिक धन प्राप्ति के साधन बनते रहते हैं ।
शेयर मार्किट , रिस्क इन्वेस्टमेंट, जुआ ,सट्टा, लाटरी , जमीन प्रापर्टी ,सेल्स से जुड़े लोगों के लिए यह बहुत कारगर हो सकता है ।
इसे अपने कार्यस्थल, केबिन- डेस्क , या दुकान प्रतिष्ठान में स्थापित किया जा सकता है।
बाजार में फंसे धन की प्राप्ति
यदि आप व्यापारी हैं और आपका पैसा बाजार में फंसा अटका है। काम पूरा करने के बाद भी पेमेंट बहुत धीरे धीरे टुकड़ों में मिलती है तो उपरोक्त सामग्री यानि पारिजात मूल, श्वेत गुंजा, और विजय लक्ष्मी यंत्र को कुश के बांदे के साथ अपने दुकान प्रतिष्ठान के मन्दिर में स्थापित करें। शीघ्र ही फंसे पैसे वापस आने शुरू हो जायेंगे।
अन्य किसी जानकारी, समस्या समाधान और कुंडली विश्लेषण हेतु सम्पर्क कर सकते हैं।
।।जय श्री राम।।
7579400465
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