अपना घर दिलाएगा ये सरल उपाय
मित्रों
आज हर आदमी का सपना है की उसका एक अपना घर हो लेकिन बढती महंगाई और जमीं मकान प्रॉपर्टी के बढ़ते दामों से अछे अच्छों की हिम्मत जवाब दे जाती है। व्यक्ति को लगता है की उसका सपना मात्र सपना ही रह जायेगा।
आज आपको ऐसा प्राचीन उपाय बता रहा हूँ जो बेहद कारगर है और आपको अपना घर प्राप्त करने में सहायता करेगा।
जिनके पास घर नहीं है उन्हें घर दिलाएग। यदि बार बार कोशिशों के बाद भी डील होते होते रह जाती है या मकान पर कब्ज़ा नहीं मिल पा रहा तो भी ये उपाय करें और आपकी कामना शीघ्र ही पूर्ण होगी।
इस उपाय में थोड़ी मेहनत अवश्य है परन्तु मिलने वाला फल भी बहुत सुंदर और अचूक है।
इसके लिए नवरात्र पर्व की नवमी तिथि पर आप किसी पहाड़ी पर स्थित देवी के मंदिर जाएँ।
सर्वप्रथम देवी का विधिवत पूजन करें। सुंदर सी चुनरी, नारियल और श्रृंगार सामग्री अवश्य चढ़ाएं।
तत्पश्चात मंदिर से बाहर आकर मंदिर के समीप या उसी पहाड़ी पर कोई साफ शुद्ध स्थान देखें। जल छिडक कर उसे साफ कर लें।
तत्पश्चात भूमि पर सिंदूर से एक अष्टदल का निर्माण करें। उक्त अष्टदल पर 11 काली हल्दी के टुकड़े एक साथ मौली/ कलावे से बांध कर देवी स्वरुप मानकर स्थापित करें।
अब इस देवी को नारियल फोड़कर उसके जल से स्नान कराएँ और और पुरे विग्रह को सिंदूर से लेपित कर दें। पुष्प चढ़ाएं व् पंचमेवा भोग स्वरुप अर्पित करें। धुप दीप करें।
अब इस स्वरुप के ऊपर वहीँ पहाड़ी पर मौजूद पत्थर और लकड़ियों से एक घर नुमा आकृति का निर्माण करें। ( चाहे तो मंदिर या झोपडी के रूप में जो आप सुगमता से कर सकें।)
इसके द्वार के आगे एक केसरिया रंग का झंडा लगायें। झंडे के स्तम्भ यानि डंडे को भी सिंदूर से लाल रंग दें और झंडे पर "श्रीं" अंकित करें।
इसके बाद निम्न मन्त्र का 11 माला जप उसी स्थान पर रुद्राक्ष या रक्त चंदन की माला से करें।
अश्वदायी गोदायी धनदायी महाधने।
धनं मे जुषतां देवि सर्वांकामांश्च देहि मे॥
अश्वपूर्वां रथ-मध्यां, हस्ति-नाद-प्रमोदिनीम्।
श्रियं देवीमुपह्वये, श्रीर्मा देवी जुषताम्।।
जप के पश्चात माँ से प्रार्थना करें की हे जगत को पालने वाली माँ महालक्ष्मी जैसे मैंने एक छोटी सी कोशिश की है आपको इस सुंदर पर्वत पर एक स्थान देने की उसी प्रकार आप भी मेरी मनोकामना पूर्ण करें और मुझ गरीब को सर छुपाने और परिवार पालने हेतु एक घर प्रदान करें। उसे प्राप्त करने के मार्ग में आ रही सभी परेशानियों को दूर करें।
फिर आरती कर पूर्व में फोड़े गए नारियल को प्रसाद स्वरुप लेकर अपने घर आ जाएँ।
यदि उक्त स्थल आपके घर के करीब हो तो समय समय पर स्वयं के बनाये उक्त मंदिर की देख रेख करें व् प्रार्थना भी करते रहें।
जिन मित्रों के घर के करीब कोई ऐसा पहाड़ी स्थित मंदिर हो वे आज ही ये प्रयोग कर सकते हैं। जो मित्र दूर हैं वे चैत्र नवरात्री या गुप्त नवरात्री में उक्त प्रयोग कर सकते हैं।
प्रयोग सम्बन्धी या अन्य किसी जानकारी, समस्या समाधान और कुंडली विश्लेषण हेतु संपर्क कर सकते हैं।
।।जय श्री राम।।
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