मित्रों,
आज के ज़माने में बदलते समय के साथ रिश्ते भी बदल रहे हैं और आदमी की प्रवृत्ति भी। विवाहेत्तर सम्बन्ध एक ऐसी समस्या है जो अच्छे खासे परिवार को बर्बाद कर देती है, बच्चो का भविष्य अंधकारमय हो जाता है और मानसिक तनाव, झगडा फसाद, मार पिटाई, कोर्ट कचहरी कुछ नहीं छोडती।
आज के ज़माने में बदलते समय के साथ रिश्ते भी बदल रहे हैं और आदमी की प्रवृत्ति भी। विवाहेत्तर सम्बन्ध एक ऐसी समस्या है जो अच्छे खासे परिवार को बर्बाद कर देती है, बच्चो का भविष्य अंधकारमय हो जाता है और मानसिक तनाव, झगडा फसाद, मार पिटाई, कोर्ट कचहरी कुछ नहीं छोडती।
अभी हाल में कानपुर में हुए ज्योति हत्याकांड का कारण भी यही सम्बन्ध थे। वो लड़का खुद तो जेल जायेगा ही शायद उसकी प्रेमिका भी पर उस बेचारी लड़की का क्या कसूर था? जो उसे अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।
यदि आपका भी पति कहीं ऐसे ही चक्कर में पड़ गया हो या किसी के जाल मे फंस गया हो या कोई मित्र या रिश्तेदार इस समस्या से ग्रस्त हो तो निम्न प्रयोग के द्वारा आप अपने प्रिय को उसकी "वो" से छुडवा सकते हैं और अपना प्रेम पुनः प्राप्त कर सकते हैं।
यदि आपका भी पति कहीं ऐसे ही चक्कर में पड़ गया हो या किसी के जाल मे फंस गया हो या कोई मित्र या रिश्तेदार इस समस्या से ग्रस्त हो तो निम्न प्रयोग के द्वारा आप अपने प्रिय को उसकी "वो" से छुडवा सकते हैं और अपना प्रेम पुनः प्राप्त कर सकते हैं।
मंगलवार की शाम एक लकड़ी की चौकी या पाटे पर एक लाल वस्त्र बिछाकर हनुमान जी का विग्रह या चित्र स्थापित करें । सुगन्धित चमेली के तेल का दीपक और गुग्गुल की धूप जलाएं। हनुमान जी के विग्रह को सिंदूर का चोला चढ़ाएं।
उनके सामने एक प्लेट पर एक जोड़ा सियार सिँगी रखें उस पर कुछ बूंदे चमेली के तेल की चढ़ाएं और सिंदूर की बिंदी लगायें। उनके सामने ही एक सफ़ेद हकीक पत्थर पर हनुमान जी के दायें पैर से लिए सिंदूर से पति का एक हक़ीक पर अपना नाम लिखें और बाएं पैर के सिंदूर से एक हक़ीक पत्थर पर सौत/ वो का नाम लिखेँ। फिर निम्न मंत्र के 51 माला जाप करेँ। और आक की लकड़ी पर घी गुग्गुल तिल से 108 आहुति दें।
उनके सामने एक प्लेट पर एक जोड़ा सियार सिँगी रखें उस पर कुछ बूंदे चमेली के तेल की चढ़ाएं और सिंदूर की बिंदी लगायें। उनके सामने ही एक सफ़ेद हकीक पत्थर पर हनुमान जी के दायें पैर से लिए सिंदूर से पति का एक हक़ीक पर अपना नाम लिखें और बाएं पैर के सिंदूर से एक हक़ीक पत्थर पर सौत/ वो का नाम लिखेँ। फिर निम्न मंत्र के 51 माला जाप करेँ। और आक की लकड़ी पर घी गुग्गुल तिल से 108 आहुति दें।
मंत्र:- "ॐ अंजनी पुत्र पवनसुत हनुमान वीर वैताल साथ लावे मेरी सौत(अमुख) से पति छुडावे,उच्चाटन करे करावे मुझे वेग पति मिले।मेरा कारज सिद्ध न करे तो राजा राम की दुहाई।"
अब जिस पत्थर पर सौत का नाम लिखा हो उसे सुनसान मेँ गाड दें। अपने और पति और अपने नाम वाले हकीक सियार सिँगी के साथ डिब्बे मे डाल कर सुरक्षित रख लेँ।
कुछ ही दिनों में आपके पति का उससे अलगाव हो जायेगाऔर वो पुनः आपकी और परिवार की ओर लौट आयेगा।
कुछ ही दिनों में आपके पति का उससे अलगाव हो जायेगाऔर वो पुनः आपकी और परिवार की ओर लौट आयेगा।
यदि एक ही दिन में जप संभव न हों तो ये प्रयोग तीन दिनों में 17 माला प्रतिदिन करते हुए अंतिम दिन आहुति दें।
यदि किसी ने वशीकरण द्वारा फसाया है तो वो भी इस प्रयोग से कट जायेगा।
ये एक प्रभावी और अनुभूत प्रयोग है। अपने पति को मुक्त कराने, प्रेम बढ़ाने और सबसे जरुरी अपने परिवार को बचाने हेतु ही प्रयोग करेँ।
ये एक प्रभावी और अनुभूत प्रयोग है। अपने पति को मुक्त कराने, प्रेम बढ़ाने और सबसे जरुरी अपने परिवार को बचाने हेतु ही प्रयोग करेँ।
अन्य किसी जानकारी, सहायता या कुंडली विश्लेषण हेतु सम्पर्क कर सकते हैं।
।।जय श्री राम।।
8909521616
7579400465
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