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Thursday, 16 January 2014

परीक्षा में सफलता के लिए सरल साधना प्रयोग / Sadhna for success in exams

मित्रों,
अक्सर बहुत सारे बच्चे, छात्र, परीक्षार्थी और उनके माता पिता, व्यक्तिगत रूप से मेसेज बॉक्स में या फिर बहुत सारे ग्रुप्स में परीक्षा में सफलता के लिए इसी बारे में पूछते हैं कि
हाईस्कूल या इंटर की परीक्षा में सफल होने के लिए या अच्छे अंक पाने के लिए कोई प्रयोग बताएं।
प्रतियोगी परीक्षा में या सरकारी नौकरी के लिए कुछ बताएं।
आज आपको इसी विषय में एक अनुभूत प्रयोग बताने जा रहा हूँ जिसका मैंने बहुत बार प्रयोग किया है और आशातीत परिणाम पाया है। आज गुरु पुष्य नक्षत्र में जब मैंने ये कुछ लोगों के लिए बनाये तो विचार आया की ये प्रयोग सार्वजानिक कर दूँ ताकि ज्यादा से ज्यादा छात्र इसका लाभ ले सकें।
ये प्रयोग आप 19 जनवरी 2014 को गणेश चतुर्थी के दिन कर सकते हैं अथवा फिर बसंत पंचमी के अवसर पर भी।
सर्वप्रथम भूमि को साफ कर उस पर रोली या सिंदूर से एक स्वस्तिक का चिन्ह बनायें इस पर एक लकड़ी का पाटा या चौकी स्थापित करें। इस चौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर एक ताम्बे या स्टील की थाली रखें। थाली में केसर या हल्दी से अष्टदल बनायें , इस पर पीले या लाल फूल बिछाकर भगवन गणेश की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
अब दायें हाथ में जल अक्षत और पुष्प लेकर संकल्प करें की आप (अपना नाम) पुत्र श्री (पिता का नाम) गोत्र माघ मास  चतुर्थी तिथि कृष्ण पक्ष  दिन  रविवार _____स्थान में _______ परीक्षा में सफलता के लिए ये प्रयोग कर रहे हैं और सफल होने पर  उनके निमित्त ________ करेंगे।
तत्पश्चात भोजपत्र पर अनार की कलम से अष्टगंध या केसर की स्याही से नीचे दिए चित्र अनुसार पंद्रह का यन्त्र बनायें और यंत्र के नीचे विद्यार्थी का नाम पिता का नाम और गोत्र लिखें।
इस भोजपत्र को प्रतिमा के चरणों में रख दें। साथ में यदि उपलब्ध हो तो सिद्ध श्वेतार्क मूल भी इसके साथ रख दें।
अब भगवन की और यंत्र की पंचोपचार पूजा करें, 108 दूर्वादल और 108 हरी इलायची चढ़ाएं और निम्न मंत्र से उनका ध्यान करे

एक दंतम चतुर्हस्तं पाशमंकुश धारिणम।
रदम च वरदं हस्तैर्विभ्राणम मूषकध्वजम।।
लम्बोदरम शूपकर्णकम रक्तवाससम।
रक्तगंधानुलिप्तंगम रक्तपुषपैसुपुजितम।।
भक्तानुकंपिनं देवं जगत्कारणमुच्यतम।
एवं ध्यायन्ति यो नित्यं सः योगी: योगिनाम वर:।।
तत्पश्चात निम्न मंत्र का 11 माला जप करें।
ॐ एकदंत महाबुद्धिः सर्वसौभाग्य दायकः।
सर्व सिद्धि करो देव गौरी पुत्रो विनायकः।।
भगवन को तिल के लड्डुओं का भोग लगायें।
इसके बाद उक्त यन्त्र को चाँदी या ताबीज में भरकर श्वेतार्क मूल के साथ लाल वस्त्र में सिलकर गले में धारण कर लें। फिर प्रतिदिन इस मंत्र की एक माला जप करें। परीक्षा के दिन में जब समय कम होता है तब भी कम से कम 21 जप अवश्य करें।
इलायची निकलकर बाकि पूजन सामग्री वस्त्र समेत प्रवाहित कर दें। एक इलायची प्रतिदिन खाएं ये आपकी बुद्धि और ग्रहण क्षमता तीव्र करेगी।

यदि श्वेतार्क मूल का ताबीज या सिद्ध मूल न हो तो सिर्फ यन्त्र भी बहुत प्रभावशाली है।
जो बच्चे ये प्रयोग न कर सकें उनके मातापिता ये कर सकते हैं, संकल्प में प्रार्थना करें की आप ये अपने बच्चे के लिए कर रहे हैं और इसका फल उसे मिले।
बहुत से बच्चे पढने में कमजोर होते हैं।
बहुतों का मन पढाई में कम या नहीं लगता है।
कुछ याद अच्छा कर लेते हैं पर परीक्षा में भूल जाते हैं।
कुछ लिखते अच्छा हैं पर याद नहीं कर पाते। कुछ मेहनत बहुत करते हैं पर फिर भी अछे नम्बर नहीं आते।
विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं और नौकरी हेतु परीक्षाओं की तयारी करने वाले छात्र ।
ये सभी उपरोक्त लघु साधना का प्रयोग कर अपने क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकते है।
अधिक् जानकारी या समस्या समाधान, कुंडली विश्लेषण और उक्त ताबीज के लिए संपर्क कर सकते हैं।
।।जय श्री राम।।
8909521616
7579400465

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