अति दुर्लभ बेर का बाँदा (first ever image on internet)
मित्रों,
काफी सारे लोग अक्सर बान्दे के बारे में प्रश्न करते हैं व मांगते हैं।
अतः आज इन्टरनेट पर पहली बार अतिदुर्लभ बेर के बान्दे का चित्र डाल रहा हूँ जो सौभाग्यवश इस नवरात्रि में पुनः प्राप्त हुआ।
बाँदा अपने आप में पूर्ण वनस्पति है और इसमें फल फूल भी लगते हैं।
चित्र में बान्दे का मूल और तना तथा फल के चित्र हैं।
लाभ और प्रयोग विधि:
बाँदा सौभाग्य से ही मिल सकता है।यदि कहीं दिख जाये, तो स्वाती नक्षत्र में विधिवत निमंत्रण देकर घर लाना चाहिए। घर आकर देव-प्रतिमा-स्थापन की संक्षिप्त विधि से स्थापन करके पंचोपचार/षोडशोपचार पूजन करें।
इसके बाद ग्यारह माला शिव पंचाक्षर एवं ग्यारह माला देवी-नवार्ण मंत्रों का जप,हवन,तर्पण,मार्जन सम्पन्न करके कम से कम एक ब्राह्मण और एक दरिद्रनारायण को भोजन दक्षिणा सहित प्रदान करें।इस प्रकार आपका कार्य पूरा हो गया।
अब, जब भी आवश्यकता हो,उस पूजित काष्ठ में से थोड़ा अंश काट कर लाल या पीले कपड़े या तांबे के ताबीज में भरकर प्रयोग कर सकते हैं।
कल्याण भावना से (व्यापार नहीं)किसी को दे भी सकते हैं।
इस बदरी-बाँदा का एक मात्र कार्य है- मनोनुकूलता प्रदान करना यानि किसी से कुछ सहयोग लेना हो,कोई कार्य करवाना हो तो विधिवत धारण करके उस व्यक्ति के पास जाकर अपने इष्ट मंत्रों का मानसिक जप करते हुए प्रस्ताव रखना चाहिए।
अन्य ग्रंथ मतानुसार:-
अनेन ग्राह्येत स्वाति-नक्षत्रे बदरीभवम।
वन्दाकम तत्करे धृत्वा यदवस्तु प्राप्यते नरः।
तत्क्षणात प्राप्यते सर्व, म्न्त्रवाम्स्तु कथ्यते।
स्वाति नक्षत्र में निम्न मन्त्र से अभिमंत्रित करने पर अभीष्ट वस्तु देने वाला होता है।
मन्त्र:-
ॐ अन्तरिक्षाय स्वाहा।
अन्य किसी जानकारी , समस्या समाधान अथवा कुंडली विश्लेष्ण हेतु सम्पर्क कर सकते हैं।
।।जय श्री राम।।
7579400465
8909521616
For more remedies and details about banda visit:- http://jyotish-tantra.blogspot.in
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काफी सारे लोग अक्सर बान्दे के बारे में प्रश्न करते हैं व मांगते हैं।
अतः आज इन्टरनेट पर पहली बार अतिदुर्लभ बेर के बान्दे का चित्र डाल रहा हूँ जो सौभाग्यवश इस नवरात्रि में पुनः प्राप्त हुआ।
बाँदा अपने आप में पूर्ण वनस्पति है और इसमें फल फूल भी लगते हैं।
चित्र में बान्दे का मूल और तना तथा फल के चित्र हैं।
लाभ और प्रयोग विधि:
बाँदा सौभाग्य से ही मिल सकता है।यदि कहीं दिख जाये, तो स्वाती नक्षत्र में विधिवत निमंत्रण देकर घर लाना चाहिए। घर आकर देव-प्रतिमा-स्थापन की संक्षिप्त विधि से स्थापन करके पंचोपचार/षोडशोपचार पूजन करें।
इसके बाद ग्यारह माला शिव पंचाक्षर एवं ग्यारह माला देवी-नवार्ण मंत्रों का जप,हवन,तर्पण,मार्जन सम्पन्न करके कम से कम एक ब्राह्मण और एक दरिद्रनारायण को भोजन दक्षिणा सहित प्रदान करें।इस प्रकार आपका कार्य पूरा हो गया।
अब, जब भी आवश्यकता हो,उस पूजित काष्ठ में से थोड़ा अंश काट कर लाल या पीले कपड़े या तांबे के ताबीज में भरकर प्रयोग कर सकते हैं।
कल्याण भावना से (व्यापार नहीं)किसी को दे भी सकते हैं।
इस बदरी-बाँदा का एक मात्र कार्य है- मनोनुकूलता प्रदान करना यानि किसी से कुछ सहयोग लेना हो,कोई कार्य करवाना हो तो विधिवत धारण करके उस व्यक्ति के पास जाकर अपने इष्ट मंत्रों का मानसिक जप करते हुए प्रस्ताव रखना चाहिए।
अन्य ग्रंथ मतानुसार:-
अनेन ग्राह्येत स्वाति-नक्षत्रे बदरीभवम।
वन्दाकम तत्करे धृत्वा यदवस्तु प्राप्यते नरः।
तत्क्षणात प्राप्यते सर्व, म्न्त्रवाम्स्तु कथ्यते।
स्वाति नक्षत्र में निम्न मन्त्र से अभिमंत्रित करने पर अभीष्ट वस्तु देने वाला होता है।
मन्त्र:-
ॐ अन्तरिक्षाय स्वाहा।
अन्य किसी जानकारी , समस्या समाधान अथवा कुंडली विश्लेष्ण हेतु सम्पर्क कर सकते हैं।
।।जय श्री राम।।
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