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Saturday, 22 March 2014

Vashikaran using Siyar Singi सियार सिंगी से अचूक वशीकरण

मित्रों,
      लगभग रोज ही कोई न कोई फोन कर या मेसेज कर वशीकरण प्रयोग मांगता रहता है कि किसी लड़की को वश में करना है या लड़के को वश में करना है। कभी बॉस को तो कभी किसी रिश्तेदार को जो गलत फायदा उठा रहा है या उठा चूका है।
अतः यहाँ एक वशीकरण प्रयोग दे रहा हूँ जो बेहद कारगर है और विभिन्न रूपों में प्रयोग किया जा सकता है। इसका असर दीर्घकालिक रहता है अतः एक बार यदि सही से किया गया तो बार बार करने की जरुरत नहीं पड़ती। ये अकेला प्रयोग कईयों के बराबर है।
इसके लिए किसी भी शुभ मुहूर्त , नवरात्री या किसी भी शनिवार को रात्रि 10 बजे के बाद स्वच्छ वस्त्र पहने और लाल या काले ऊनि आसन का प्रयोग करें। एक लकड़ी की चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं उसपर माता चामुंडा का एक विग्रह या चित्र स्थापित करें। इसके सामने एक प्लेट में छह कोण वाले दो सितारे बनायें जिनके मध्य में एक बिंदी लगायें और उनपर सियार सिंगी की जोड़ी अर्थात नर व मादा सिंगी रखें।
सामने भूमि पर रोली / कुमकुम से एक छह कोण वाला सितारा बनायें और उसके बीच बिंदी लगायें । उसपर एक लोटा जल भरकर रखें व् लोटे के ऊपर तिल के तेल का दीपक स्थापित करें। दीपक में दो लौंग डाल दें। गुग्गुल या चमेली की धुप जलाएं।
अब माता के विग्रह पर एक पुष्प की सहायता से जल के छीटें दें फिर गोरोचन से तिलक कर तिल और अक्षत छिडकें। फिर चमेली या केवड़ा का इत्र माँ के कानों पर लगायें  फिर पुष्प और केसर की बर्फी अर्पित करें।
अब सियार सिंगी के पास अपना और जिसका वाशिकरण करना है उसका चित्र रखें। नर सिंगी के साथ स्त्री का और मादा  के साथ पुरुष का चित्र रखें। अब दोनों सिंगी की भी इसी प्रकार पूजा करें गोरोचन की बिंदी लगायें इत्र लगायें और मिठाई अर्पित करें। तत्पश्चात हाथ में दो लौंग और दो इलायची लेकर माता से अपनी मनोकामना कहें कि मैं ........ को अपने वश में करना चाहता/ चाहती हूँ और उसके लिए आपका ये अनुष्ठान कर रहा/ रही हूँ और माता के चरणों में अर्पित करें। फिर दो दो लॉन्ग और इलायची हाथ में लेकर सियार सिंगी से कहें की अब तुम मेरे पास हो और मेरे लिए अमुक व्यक्ति को मेरे वश में करो और दोनों सिंगियों पर लौंग व इलायची चढ़ा दें।
अब सिंगी पर किये गए तिलक से ही फोटो पर भी तिलक करें। यदि पुरुष को करना हो तो मादा सिंगी से लेकर पुरुष के चित्र पर तिलक करें और स्त्री को करना हो तो पुरीष सिंगी से लेकर स्त्री के चित्र को तिलक करें।
प्रयोग की जाने वाली वाली वस्तुएं जैसे इत्र और गोरोचन माता के चरणों में ही चौकी पर रखें।
अब काले हकीक़ या  रुद्राक्ष की माला से निम्न मंत्र का 5 माला जप करें। इस प्रकार 21 दिन तक 5 माला रोज पूजन व जप करें।
ॐ नमो भगवते रुद्राणी चमुन्डानी घोराणी सर्व पुरुष क्षोभणी सर्व शत्रु विद्रावणी। ॐ आं क्रौम ह्रीं जों ह्रीं मोहय मोहय क्षोभय क्षोभय ............... मम वशी कुरुं वशी कुरुं क्रीं श्रीं ह्रीं क्रीं स्वाहा।
चढ़ाई गयी मिठाई और फूल , अक्षत, तिल को किसी पार्क या पेड़ की जड़ में चीटियों के बिल के आगे डाल दें । अन्य सभी सामग्री को सुरक्षित रखें।
प्रयोग के बाद जो वस्त्र आपने चौकी पे बिछाया था उसी में दोनों सिंगियाँ फोटो समेत लपेट कर हिफाज़त से रख दें। दोनों फोटो का मुख्य भाग एक दुसरे की ओर मुहँ कर रखें। और सिंगियाँ ऊपर से रख दें।
माता को चढ़ाये गए लौंग इलाची, सिंगी पर चढ़ाये लोंग इलायची, और इत्र गोरोचन ।
जिस लोटे पर दीपक रखा था उसमे से तेल की कुछ मात्रा रिस कर लोटे के जल में चली जाती है और ऊपर तैरती है उसे प्रतिदिन किसी चम्मच की सहायता से एक बड़ी कांच की शीशी में एकत्रित कर लें यदि साथ में पानी की भी कुछ मात्रा आ जाये तो कोई बात नहीं, इसमें मंत्र जप पश्चात प्रतिदिन 3 फूंक मारें। 21 दिन के प्रयोग का तेल एकत्रित करने के बाद तेल की मोटि परत ऊपर तेरने लगेगी उसे ही सावधानी पूर्वक एक छोटी शीशी में निकाल लें और पानी किसी फूलदार पौधे की जड़ में डाल दें।
दीपक में डाली गयी लोंग भी जल कर भस्म बन जाएगी सूखी हो या तेल युक्त एक डिब्बी में एकत्र ले। इस तेल और भस्म को भी रोज एकत्रित करते रहें और अगले दिन जप के समय चौकी पे रखें।
21 दिन का प्रयोग पूर्ण होने के पश्चात वह व्यक्ति स्वयं आपसे संपर्क करेगा , आकर मिलेगा या मिलने बुलाएगा। जब तक वो संपर्क न करे या न मिले तब तक एक माला जप नियमित रूप से करते रहें।
इस प्रयोग के साथ आपके पास वशीकरण हेतु निम्न चीजें तैयार होंगी-
1. सिंगी पर चढ़ी लौंग इलायची: इसे पीस के चूर्ण बना लें और जब भी उस व्यक्ति से मुलाकात हो चुप चाप मंत्र जपते हुए उस पर छिड़क दें।
2. माता पर चढ़ाये लौंग इलायची: यदि उस व्यक्ति के साथ कुछ खाने पिने का मौका मिले तो साबुत या चूर्ण के रूप में उसमे मिला दें जैसे दल सब्जी खीर चाय कोफ़ी पान आदि।
3. ऊपर सिद्ध किया गया तेल जब भी मौका मिले अभीष्ट व्यक्ति के सर में चुपचाप मंत्र पढ़ते हुए लगा दें।
4. जब भी मिलने का मौका हो इत्र लगा के ही उसके सामने जाएँ और उसे भी किसी बहाने से कान  या कपड़ों में लगा दें।
5. इसी प्रकार गोरोचन का हो सके तो तिलक कर दें या उसके कपड़ों गर्दन और सर पर छिड़क दें।
सभी चीजों का प्रयोग एक साथ न करें धीरे धीरे क्रमानुसार करें। इस प्रकार दीर्घकालिक असर बना रहेगा।
कुछ ध्यान रखने योग्य बातें:-
1. प्रयोग की जाने वाली सामग्री जैसे सियार सिंगी, गोरोचन और इत्र असली होने चाहिए।
2. गोरोचन व् इत्र की मात्रा इतनी होनी चाहिए की पूरे 21 दिन चले व् उसके बाद भी प्रयोग हेतु बचा रहे।
3. सामग्रियों का प्रयोग अभीष्ट व्यक्ति पर उचित मात्रा में करें। बेहद कम प्रयोग करने से असर कम होगा और ज्यादा प्रयोग करने से जल्दी ख़त्म हो जाएँगी।
4. ये प्रयोग उन्ही लोगों पर असर करेगा जिन्हें आप और जो आपको भली भांति जानते हों चाहे मित्र हों या शत्रु। अंजान लोगों पे असर नहीं करेगा।
5. ये प्रयोग बहुत जल्दी जल्दी भिन्न भिन्न लोगों पर करने से आपके दिमाग पर उल्टा असर पड़ेगा जिससे आप चेतना खो सकते हैं।
6. ऊपर लिखे क्रम में करना जरुरी नहीं है किसी भी क्रम में इन वस्तुओं का प्रयोग किया जा सकता है।
7. प्रयोग के बारे में किसी को भी पता न चले विशेषतः उसे जिसपे आप ये कर रहे हैं।
अन्य किसी जानकारी , समस्या समाधान और कुंडली विश्लेषण हेतु संपर्क कर सकते हैं।
।।जय श्री राम।।
8909521616
7579400465

Wednesday, 19 March 2014

काली हल्दी/ Kali Haldi ( The Tantrik Herbs -7 )

मित्रों तंत्र शास्त्र में अनेक वनस्पतियों का प्रयोग होता है जो चमत्कारिक असर दिखाती हैं जैसे श्वेतार्क , हत्था जोड़ी, पाताल ककड़ी, ओंगा, सहदेवी आदि। इन्ही की तरह चमत्कारी है काली हल्दी। जो धन प्राप्ति और बाधाओं के नाश में अपना अलग महत्व रखती है।
प्रस्तुत हैं काली हल्दी के कुछ अनुभूत प्रयोग
रोग नाश-
1- यदि परिवार में कोई व्यक्ति निरन्तर अस्वस्थ्य रहता है, तो प्रथम गुरूवार को आटे के दो पेड़े बनाकर उसमें गीली चीने की दाल के साथ गुड़ और थोड़ी सी पिसी काली हल्दी को दबाकर रोगी व्यक्ति के उपर से 7 बार उतार कर गाय को खिला दें। यह उपाय लगातार 3 गुरूवार करने से आश्चर्यजनक लाभ मिलेगा।
2. किसी शुभ दिन गुरु पुष्य या रवि पुष्य नक्षत्र हो, राहुकाल न हो, शुभ घड़ी में इस हल्दी को लाएँ। इसे शुद्ध जल से भीगे कपड़े से पोंछकर लोबान की धूप की धुनी में शुद्ध कर लें व कपड़े में लपेटकर रख दें। आवश्यकता होने पर इसका एक माशा चूर्ण ताजे पानी के साथ सेवन कराएँ व एक छोटा टुकड़ा काटकर धागे में पिरोकर रोगी के गले या भुजा में बाँध दें। इस प्रकार उन्माद, मिर्गी, भ्रांति और अनिन्द्रा जैसे मानसिक रोगों मे बहुत लाभ होता है।
नजर-टोटका आदि हेतु : काली हल्दी के 7 या 9 या 11 दाने बनाएँ। उन्हें धागे में पिरोकर धूप आदि देकर जिस व्यक्ति के गले में यह माला पहनाई जाए उसे गृहपीड़ा, बाहरी हवा, टोना-टोटका, नजर आदि से बचाया जा सकता है।
2- यदि किसी व्यक्ति या बच्चे को नजर लग गयी है, तो काले कपड़े में हल्दी को बांधकर 7 बार उपर से उतार कर बहते हुये जल में प्रवाहित कर दें।
धनवृद्धि हेतु :
1. गुरु पुष्य नक्षत्र में काली हल्दी को सिंदूर में रखकर लाल वस्त्र में लपेटकर धूप आदि देकर कुछ सिक्कों के साथ बाँधकर बक्से या तिजोरी में रख दें तो धनवृद्धि होने लगती है।
2..किसी की जन्मपत्रिका में गुरू और शनि पीडि़त है, जिससे धन न रुकता हो या कम धंधा बार बार ठप हो जाता हो तो वह जातक यह उपाय करें- शुक्लपक्ष के प्रथम गुरूवार से नियमित रूप से काली हल्दी पीसकर तिलक लगाने से ये दोनों ग्रह शुभ फल देने लगेंगे।
3. यदि किसी के पास धन आता तो बहुत है किन्तु टिकता नहीं है, उन्हे यह उपाय अवश्य करना चाहिए। शुक्लपक्ष के प्रथम शुक्रवार को चांदी की डिब्बी में काली हल्दी, नागकेशर व सिन्दूर को साथ में रखकर मां लक्ष्मी के चरणों से स्पर्श करवा कर धन रखने के स्थान पर रख दें। यह उपाय करने से धन रूकने लगेगा।
4. यदि आपके व्यवसाय में निरन्तर गिरावट आ रही है, तो शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरूवार को पीले कपड़े में काली हल्दी, 11 अभिमंत्रित गोमती चक्र, चांदी का सिक्का व 11 अभिमंत्रित धनदायक कौड़ियां बांधकर 108 बार
ऊँ नमो भगवते वासुदेव नमः
का जाप कर धन रखने के स्थान पर रखने से व्यवसाय में प्रगतिशीलता आ जाती है।
5. यदि आपका व्यवसाय मशीनों से सम्बन्धित है, और आये दिन कोई मॅहगी मशीन आपकी खराब हो जाती है, तो आप काली हल्दी को पीसकर केशर व गंगा जल मिलाकर प्रथम बुधवार को उस मशीन पर स्वास्तिक बना दें। यह उपाय करने से मशीन जल्दी खराब नहीं होगी।
6. दीपावली के दिन पीले वस्त्रों में काली हल्दी के साथ एक चांदी का सिक्का रखकर धन रखने के स्थान पर रख देने से वर्ष भर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
वशीकरण हेतु :
1.चंदन की भाँति काली हल्दी का टीका लगाएँ। यदि अपनी कनिष्ठा उँगली का रक्त भी मिला दिया जाए तो प्रभाव में वृद्धि होगी। यह तिलक लगाने वाला सबका प्यारा होता है। सामने वाले को आकर्षित करता है।
2. काली हल्दी रोली तुलसी की मंजरी को समरूप आंवले के रस में पीस कर जिसके भी सअम्मुख जायेंगे वो स्वतः आपके अनुरूप कार्य करेगा।
3. व्यक्ति विशेष हेतु वशीकरण : काली हल्दी, श्वेतार्क मूल, श्वेत चन्दन, गोरोचन, पान और हरसिंगार की जड़ पीस कर एक चाँदी की डिब्बी में लेप बनाकर रख लें। जिसे वश में करना हो उसके सम्मुख आने से पूर्व इसका तिलक धारण कर लें इस प्रकार की तिलक लगाने के बाद व्अहि आपको सर्व प्रथम देखे। ये प्रयोग ऑफिस में बॉस के लिए या पास पड़ोस की किसी महिला पुरुष हेतु विशेष उपयोगी है।
घर की सुरक्षा हेतु:
काली हलदी , श्वेतार्क मूल रक्त चन्दन और हनुमान मंदिर या काली मंदिर में हुए हवन की विभूति गोमूत्र में मिलाकर लेप बनायें और उससे घर के मुख्या द्वार और सभी प्रवेश के दरवाजों के ऊपर स्वास्तिक का चिन्ह बनायें। इससे किसी भी प्रकार की बुरी नज़र, टोना टोटका या बाधा आपके घर में प्रवेश नहीं कर सकेंगे।
जिस व्यक्ति को बुरी नाक्सार लगी हो या बार बार लगती हो या अक्सर बीमार रहता हो उपरोक्त मिश्रण का तिलक माथे कंठ व् ह्रदय पर करे तो सुरक्षित रहता है।

सौंदर्य प्रयोग : काली हल्दी का चूर्ण दूध में भिगोकर चेहरे और शरीर पर लेप करने से सौन्दर्य की वृद्धि होती है।
इस प्रकार सिद्ध की हुई काली हल्दी का प्रयोग कर आप जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में लाभ उठा सकते हैं।

अन्य किसी जानकारी समस्या समाधान, कुंडली विश्लेषण या कोई सामग्री मंगवाने हेतु संपर्क करें।
।।जय श्री राम।।
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Saturday, 8 March 2014

दक्षिणावर्ती शंख / Dakshinavarti shankh

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तंत्र में अतिप्रचलित कुछ वस्तुएं
दक्षिणावर्ती शंख
मित्रों,
दक्षिणावर्ती शंख को माँ अष्टलक्ष्मी का साक्षात् स्वरुप माना जाता है। सामान्य पूजन से लेकर विविध तंत्र प्रयोगों में इस शंख का उपयोग किया जाता है। तंत्र शास्त्र के अनुसार दक्षिणावर्ती शंख को विधि-विधान पूर्वक जल में रखने से कई प्रकार की बाधाएं शांत हो जाती है और भाग्य का दरवाजा खुल जाता है। साथ ही धन संबंधी समस्याएं भी समाप्त हो जाती हैं।
दीपावली, धन त्रयोदशी, होली, गुरु पुष्य योग या विजयादशमी पर पूर्ण विधान से विधिवत सिद्ध किये गए दक्षिणावर्ती शंख से आप निम्न लाभ उठा सकते हैं।
आर्थिक लाभ:
- दक्षिणावर्ती शंख जहां भी रहता है, वहां धन की कोई कमी नहीं रहती।
- दक्षिणावर्ती शंख को अन्न भण्डार में रखने से अन्न, धन भण्डार में रखने से धन, वस्त्र भण्डार में रखने से वस्त्र की कभी कमी नहीं होती।
- इसमें जल भर भगवन विष्णु का अभिषेक करने से माता लक्ष्मी और भगवन विष्णु दोनों का अनुग्रह प्राप्त होता है और व्यक्ति हर क्षेत्र में सफलता के साथ समस्त भौतिक सुख और दैवीय कृपा पाता है।
- इसमें दूध मिश्रित जल भर ऋण नाशन स्तोत्र का पाठ करते हुए भगवन शिव का अभिषेक करने से समस्त ऋणों का नाश अतिशीघ्र होता है।
परिवार में लाभ:
-यदि पति- पत्नी में लगातार मन मुटाव या झगडा होता हो तो शयन कक्ष में इसे श्वेत वस्त्र में लपेट कर शुद्ध स्थान में रखने से दोनों के मन और घर में शांति रहती है।
- प्रत्येक पूर्णिमा पर और ज़रूरत पड़ने पर कभी भी इसमें रात्रि में शुद्ध जल भरकर घर के प्रत्येक व्यक्ति, वस्तु, स्थान पर छिड़कने से दुर्भाग्य, अभिशाप, तंत्र-मंत्र आदि का प्रभाव समाप्त हो जाता है।
- किसी भी प्रकार के टोने-टोटके इस शंख के आगे निष्फल हो जाते हैं।
- प्रातःकाल इसके दर्शन कर कार्य में निकलने से सफलता मिलती है और मन शांत रहता है।
व्यापार में लाभ:
- विधिवत सिद्ध दक्षिणावर्ती शंख को व्यापारिक संसथान में स्थापित करने से ग्राहकों की कभी कमी नहीं होती और व्यापार दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की करता है।
- इसमें रात्रि में गंगाजल मिश्रित दूध भर कर सुबह व्यापारिक प्रतिष्ठान में बाहर से भीतर की ओर छिड़कते हुए जाने से धंधे को किसी भी पडोसी या प्रतिद्वंदी की नज़र नहीं लगती, किसी भी प्रकार का तंत्र मंत्र द्वारा किया गया व्यापार बंध निष्फल हो जाता है।
संतान लाभ:
-इसमें रात्रि में दूध भर कर प्रातः बंध्या स्त्री को स्नान व आचमन कराने से वो पुत्रवती होती है।
- इसमें पंचामृत भरकर श्री कृष्ण या लड्डू गोपाल को संतान गोपाल मंत्र का पाठ करते हुए स्नान करा उस पंचामृत के सेवन से शीघ्र ही संतान प्राप्ति होती है और सभी ऐश्वर्य भी मिलते हैं।
स्वास्थ्य लाभ:
- इसमें रात्रि में जल भरकर प्रातः काल पीने से ह्रदय, श्वास, मस्तिष्क रोगों और अवसाद में अभूतपूर्व लाभ होता है।
- जो बच्चे कम बोलते हैं अटकते तुतलाते या हकलाते हैं उन्हें छः मास तक इसमें रात्रि में जल भर प्रातः पिलाने से सभी वाणी विकार दूर होते हैं।
- जिन लोगों को बार बार भयंकर सर्दी जुकाम कफ होता है और इस कारन आंखे कमजोर व बाल सफ़ेद हो गए हों यदि वे इसमें जल भरकर उसमे पांच मुखी रुद्राक्ष का एक दाना डाल कर सुबह सेवन करें तो उनकी इस समस्या का निवारण होगा।
- छोटे बच्चो को इसमें दूध भरकर तुलसी डालकर सेवन कराने से उनकी अधिकतर रोग और व्याधियां दूर भाग जाती हैं।
- दांत निकलते समय इसमें रखा जल या दूध पिलाने से दांत बिना किसी कष्ट
आराम से निकल आते हैं।
- जिन लोगों को गर्मी अधिक लगती है उन्हें इसमें रखे जल का सेवन करना चाहिए।
- विभिन्न स्त्री पुरुष समस्याओं का निवारण इसमें रखे जल और दूध पीने से स्वयं ही हो जाता है।
मित्रों, दक्षिणावर्ती शंख के लाभों को एक छोटे से लेख में समेट पाना अत्यंत दुष्कर है फिर भी एक छोटा सा प्रयास किया है की आप को इसके लाभ ज्ञात हों।
अन्य किसी जानकारी, समस्या समाधान या कुंडली विश्लेषण हेतु संपर्क कर सकते हैं।
।।जय श्री राम।।
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